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करवा चौथ पर कलात्मक करवों की मांग में बढ़ोतरी, महिलाओं में दिखा उत्साह

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बाजार में आकर्षक नक्काशी की डिजाइन वाले करवा पहली पसंद

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। करवा चौथ के अवसर पर क्षेत्र का बाजार इन दिनों सज-धज कर दुल्हन की तरह नजर आ रहा है। कहीं मिट्टी के करवे रखे हैं तो कहीं नक्काशीदार स्टील और पीतल के करवे महिलाओं का मन मोह रहे हैं।

क्षेत्र में करवा चौथ पर्व को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को पड़ने वाले इस व्रत की तैयारियां जोरों पर हैं। बाजारों में रंग-बिरंगे और कलात्मक करवों की खरीदारी पूरे शबाब पर है। पहले जहां साधारण करवे ही प्रचलन में थे, वहीं अब सुंदर नक्काशीदार और आकर्षक रंगों वाले करवे महिलाओं की पहली पसंद बन गए हैं।

व्रत करने वाली महिलाओं निर्मला उपाध्याय, सुनीता, अंतिमा उपाध्याय और संगीता गोस्वामी ने बताया, कि करवा चौथ के व्रत में दो करवों का विशेष महत्व होता है। एक करवे में अनाज और दूसरे में जल रखा जाता है। पहले जहां सामान्य मिट्टी के करवे खरीदे जाते थे, वहीं अब बाजार में विभिन्न रंगों और डिजाइनों वाले करवे मिलने लगे हैं, जिन्हें महिलाएं बड़े शौक से खरीद रही हैं।
उन्होंने बताया, कि शुक्रवार को दिनभर निर्जला उपवास रखकर रात्रि में चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाएगा।

करवा निर्माता संतोष प्रजापत ने बताया, कि इस बार महिलाओं की पसंद को देखते हुए उन्होंने कलात्मक करवों की विशेष रेंज तैयार की है। उन्होंने कहा, महिलाएं सुंदर नक्काशी और आकर्षक रंग वाले करवे मांगती हैं, इसलिए हमने भी इस बार विशेष डिजाइन वाले करवे बनाए हैं। करवा चौथ से लगभग एक महीना पहले ही निर्माण कार्य शुरू कर देते हैं।

वहीं मधुबाला प्रजापत ने बताया, कि पहले करवा बनाने में गेरू का रंग इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब रंगीन और नक्काशीदार करवों की मांग बढ़ गई है। हमने इस बार कई तरह के रंग और डिजाइन वाले करवे तैयार किए हैं।

पंडित अंतिम उपाध्याय ने बताया कि परंपरा के अनुसार यह व्रत पति की दीर्घायु और मंगलकामना के लिए किया जाता है। चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोलने की प्रथा सदियों पुरानी है।

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