रक्षाबंधन 2025: प्रेम, परंपरा और पवित्रता का पर्व, जानें शुभ मुहूर्त, राशि के अनुसार उपहार और विशेष उपाय

देवास। राखी का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक है। यह पर्व न केवल एक धागे की डोरी में रिश्तों की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि संस्कृति, परंपरा और अध्यात्म से भी गहराई से जुड़ा होता है।
इस वर्ष रक्षाबंधन 8 अगस्त को पूरे उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाएगा, जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करेंगी, और भाई बहनों को जीवन भर सुरक्षा देने का वचन देंगे।
🌸 शुभ मुहूर्त: समय का रखें विशेष ध्यान
इस वर्ष रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 5:00 बजे से लेकर दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। दोपहर 1:30 बजे के बाद पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी, अतः राखी बांधने का कार्य इसी अवधि में करना श्रेष्ठ रहेगा। शुभ मुहूर्त में राखी बांधने से पारिवारिक संबंधों में प्रेम, सामंजस्य और सौहार्द बना रहता है।
राशियों के अनुसार राखी और उपहार, रिश्तों में लाएं रंगों की सकारात्मकता
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि बहनें भाइयों को उनकी राशि के अनुरूप राखी बांधें और उपहार दें तो यह न केवल सौंदर्य बढ़ाता है, बल्कि ग्रहों की अनुकूलता भी संबंधों को सुदृढ़ बनाती है।
🔴 मेष, सिंह, वृश्चिक राशि
भाई: लाल रंग की डोरी या राखी बांधें।
बहन: उपहार में लाल वस्त्र, चुन्नी या कोई लाल रंग की सामग्री दें।
⚪ वृषभ, तुला, कर्क राशि
भाई-बहन दोनों के लिए: सफेद रंग का उपयोग करें। सफेद राखी और वस्त्र रिश्तों में शांति और संतुलन बनाए रखते हैं।
🟢 मिथुन, कन्या राशि
राखी और उपहार में हरे रंग का उपयोग करें। यह बुद्धि, सौंदर्य और मानसिक संतुलन को बढ़ाता है।
🟡 धनु, मीन राशि
पीले रंग की राखी और मिठाइयां शुभ मानी जाती हैं। पीला रंग समृद्धि और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है।
🔵 मकर, कुंभ राशि
नीले या काले रंग की राखी और वस्त्र का प्रयोग करें। ये रंग स्थिरता, आत्म-विश्वास और लक्ष्य की पूर्ति के लिए सहायक होते हैं।
🪔 धार्मिक उपाय: रक्षाबंधन पर करें ये खास पूजा, मिलेगा सौभाग्य और समृद्धि
राखी के दिन कुछ विशेष पूजा-विधियों को करने से न केवल रिश्तों में मिठास बढ़ती है, बल्कि घर में सुख-शांति और लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है:
1. भगवान लक्ष्मी-नारायण की तस्वीर के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं।
2. भगवान विष्णु को जनेऊ पहनाएं और उन्हें पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
3. शिव मंदिर जाकर सवा किलो खड़े चावल भगवान शिव को अर्पित करें और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
शुभ का चौघड़िया प्रातः काल 7 बजकर 27 मिनट से प्रातः काल 9 बजकर 06 मिनट तक है।
चर, लाभ, अमृत का चौघड़िया: दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से सायंकाल 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा ।
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक है ।
लाभ का चौघड़िया रात्रि 07 बजकर 06 से रात्रि 08 बजकर 26 मिनट तक है।
शुभ अमृत का चौघड़िया रात्रि 09 बजकर 46 से रात्रि 12 बजकर 26 मिनट तक है।
– एस्ट्रो गुरु आचार्य नितिन मूंदड़ा, श्री सिद्धि विनायक ज्योतिष एवं वास्तु रिसर्च सेंटर, देवास (9993356904)



