साधक संत गुरुदेव दादा भाई पहुंचे मां नर्मदा के तट, चुनरी यात्रा में हुए शामिल

दादाजी परहित सेवा संस्थान ने निकाली चुनरी यात्रा
बाबा सिद्धनाथ एवं पार्थेश्वर भगवान का किया नर्मदा जल से अभिषेक
नेमावर (संतोष शर्मा)। मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी पुण्य सलिला मां नर्मदा के नाभि तीर्थ क्षेत्र नेमावर में सावन माह के पावन अवसर पर साधक संत गुरुदेव दादा भाई के सानिध्य में विशाल चुनरी यात्रा सोमवार को आदिगौड़ ब्राह्मण समाज धर्मशाला परिसर से प्रारंभ हुई।
चुनरी यात्रा के दौरान सर्वप्रथम करणसिंह यादव, सुंदरलाल यादव आगर मालवा, कथा व्यास पं. नित्यानंद शास्त्री, रामदयाल रावाडिया, अमृतलाल बागबान, साहू समाज के अध्यक्ष राम नारायण साहू, संतोष पटेल, प्रदीप साहू, पं. कृष्ण गोपाल पंचोली, पूनम बिश्नोई, सुनील अग्रवाल, सतीश सोनी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने संत दादा भाई का शाल-श्रीफल भेंटकर सम्मान किया।
चुनरी यात्रा में मां नर्मदा के नाभि तीर्थ क्षेत्र में मां नर्मदा का संत गुरुदेव दादा भाई ने अभिषेक कर आरती की व विशाल चुनरी मां नर्मदा को अर्पण की। सभी श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा का पूजन, अभिषेक कर मां नर्मदा के पवित्र जल में पार्थेश्वर भगवान का विसर्जन किया। बोल बम, बोल बम के जयकारा के साथ यात्रा का बाबा सिद्धेश्वर महादेव मंदिर व नर्मदा तट पर समापन हुआ।
यहां कण-कण में शिव है-
मां नर्मदा के तटों पर कण कण में शिव है। शिव महापुराण की दिव्य कथा नर्मदा तट पर श्रवण करने से शिव की कृपा के पात्र बनते हैं। मां नर्मदा का अमृत जल से बाबा का अभिषेक, पूजन मनवांछित फल प्रदान करता है। जीवन में सत्य को धारण करना नितांत आवश्यक है। सत्य ही शिव है, शिव ही सत्य है। भगवान सत्यनारायण की आलोक की कथा का श्रवण जीवन को अलौकिक बनाता है। संत की साधना, संत की कृपा प्राप्त करने के लिए मन को निर्मल बनाना है। सावन माह में पार्थेश्वर पूजन, शिव पूजन से हर कल्याणकारी कार्य सिद्ध होते हैं। साधक संत गुरुदेव दादा भाई ने कथा परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष वितरित किए।
भगवान गणेश का विवाह समारोह हुआ-
नर्मदा तट पर चल रही साधक संत दादाभाई के सानिध्य में शिव पुराण कथा में पं. नित्यानंद शास्त्री ने उपस्थित जनसमूह को शिव पुराण की मंगल कथा का रसपान कराते हुए बताया कि भगवान गणेश, माता पार्वती की अलौकिक कथा है, कथा परिसर में भगवान गणेश के रिद्धि सिद्धि संग विवाह का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया। शिव कथा मानव के जीवन को परिवर्तित करती है तथा से हमारे जीवन के समस्त दुख पीड़ा का अंत होता है। नर्मदा, जहां का हर कंकड़ शंकर है, इस तट पर कथा का अनंत कोटि फल प्राप्त होता है।
सेवा को मिला सम्मान-
शिव पुराण कथा परिसर में साधक संत दादा भाई ने आचार्य कृष्ण गोपाल पंचोली, वरिष्ठ पत्रकार संतोष शर्मा, सुनील जैन, प्रवीण नागले, बलवीर खत्री, दुर्गेश, अनिल धनगर को गुरु सेवा के लिए प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया। कथा के यजमान करणसिंह यादव ने समस्त सम्मानितजनों का दुपट्टा उड़ाकर स्वागत किया।



