धर्म-अध्यात्म

अखिल विश्व गायत्री परिवार का पावन वृक्ष गंगा अभियान

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पेड़ों के उपकार मानव जीवन पर अनंत, कभी उऋण नहीं हो सकते – संत माधवानन्द गिरि

गायत्री परिवार का वर्षा ऋतु में दूसरा पौधारोपण अभियान

देवास। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में देशभर में बड़ी श्रद्धा और उमंग के साथ गायत्री परिवार के सृजन सैनिक पावन पुनीत वृक्ष गंगा अभियान चला रहे हैं।

इसी क्रम में माता चामुंडा की पावन टेकरी पर स्थित श्री शीलनाथ धूनी परिसर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्री शीलनाथ धूनी आश्रम संचालक संत माधवानंद गिरीजी महाराज के सानिध्य में पौधारोपण किया गया।

गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि गायत्री परिवार के लक्ष्मण पटेल एवं देवकरण कुमावत के नेतृत्व में टेकरी पर पौधारोपण गायत्री मंत्र के उच्चारण से संपन्न किया। वर्षा ऋतु में गायत्री परिवार लगातार वृक्ष गंगा अभियान को गति प्रदान कर रहा है। इसी क्रम में श्री शीलनाथ आश्रम परिसर के नीचे वृक्ष गंगा अभियान के तहत फलदार, छायादार एवं औषधीय पौधे जिसमें शीशम, कटहल, जामुन, आम, नीम, गुलमोहर, पारस पीपल आदि पौधे रोपित किये गए।

श्री शीलनाथ धूनी आश्रम संचालक संत माधवानंद गिरी महाराज ने पौधारोपण करते समय परिजनों को वृक्ष की महत्ता बताते हुए कहा, कि पेड़-पौधे भगवान शिव के रूप में साक्षात् है जो कि हमारी विषैली कार्बन डाइऑक्साइड को पान करते हैं और अमृतमई ऑक्सीजन हमारे लिए छोड़ते हैं जिससे हमारा जीवन चलता है। पेड़ों का उपकार मानव जीवन पर बहुत बड़ा है, जिसका ऋण हम कभी नहीं चुका सकते इसलिए हर जनमानस को बारिश के मौसम में अपने जन्म दिवस, विवाह दिवस, अन्य मांगलिक प्रसंग या अपने पूर्वजों की स्मृति में कम से कम 11 पौधे अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए।

गायत्री परिवार देवास जिला युवा समन्वयक प्रमोद निहाले एवं वरिष्ठ परिजन सुभाषचंद्र जैन ने आमजन से अपील की, कि इस मौसम में अपनी सांसों के कर्ज मुक्ति हेतु तीन पौधे अनिवार्य रूप से जरूर रोपित करना चाहिए। मानव को जितनी आक्सीजन की जरूरत पड़ती है उसे तीन पौधे मिलकर तैयार करते हैं। पावन वृक्ष गंगा अभियान में गायत्री परिवार के परिजनों का विशेष योगदान रहा।

Plantation

पौधारोपण कार्यक्रम में गायत्री परिवार के दीपक भावसार, मंजू पटेल, सचिन मंडलोई, कामना पटेल, महेंद्रसिंह राठौड़, निर्मला चौधरी, मोहनलाल सोनी, उषा राणावत, दिलीप सोनी, शीला श्रीवास्तव, शकु परमार, राजेन्द्र सोनी आदि की उपस्थिति रही। आभार श्री शीलनाथ धुनी आश्रम संत माधवानंद गिरी ने माना।

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