धूमधाम से निकली भगवान श्री महाकालेश्वर की तीसरी सवारी

– पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव रूप में विराजित हुए
– सवारी में 4 जनजातीय नृत्यों और बैंड की आकर्षक प्रस्तुतियां
उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण मास की तृतीय सवारी सोमवार को निकाली गई, जिसमें भगवान श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में और गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले।
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी निकलने के पूर्व सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन अर्चन संपन्न कराया गया। मध्यप्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत सपत्नीक, नवीन एवं नवकरणीय उर्जा मंत्री राकेश शुक्ला एवं पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल ने भी भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन अर्चन किया। इस दौरान विधायक अनिल जैन कालूहेडा, भिंड के विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह, महापौर मुकेश टटवाल, संजय अग्रवाल और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पूजन पश्चात भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में नगर भ्रमण पर निकले।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्शी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची। क्षिप्रा नदी के जल से भगवान श्री महाकालेश्वर का अभिषेक और पूजन अर्चन किया गया। खाद्य नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री राजपूत ने सपत्नीक भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया।
रामघाट से भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी रामानुजकोट, मोड की धरमशाला, कार्तिक चौक, खाति का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड़, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची। जहां परंपरा अनुसार गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया गया। सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची जहां पुन: आरती उपरान्त सवारी का विश्राम हुआ।
सवारी की प्रमुख झलकियां-
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरुप भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी को भव्य रूप देने के लिए थीम के अनुसार 4 जनजातीय लोकनृत्यों की आकर्षक प्रस्तुति दी गई। प्रतापसिंह डिण्डोरी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश का करमा सैला जनजातीय नृत्य, पुष्पलता एवं साथियों द्वारा कर्नाटक का ढोलू कूनीथा जनजातीय नृत्य, सचिन चौधरी, जबलपुर मध्यप्रदेश द्वारा अहिराई लोकनृत्य एवं संजय महाजन द्वारा गणगौर लोकनृत्य की प्रस्तुतियां दी गई। रामघाट पर पुलिस बैंड, बीएसएफ बैंड और खाचरोद के सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विघालय खाचरोद के 33 बच्चों के दल के द्वारा भी आकर्षक प्रस्तुति दी गई।



