राम रसोड़ा भंडारे का हुआ शुभारंभ

– 13 वर्षों से बाबा रामदेव के भक्तों की सेवा में समर्पित है यह आयोजन
भौंरासा (मनोज शुक्ला)। सावन मास के पावन अवसर पर बाबा रामदेव की पदयात्रा का विशेष महत्व होता है। देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पैदल ही बाबा रामदेव के दर्शन हेतु राजस्थान के रामदेवरा धाम की ओर प्रस्थान करते हैं। इन पदयात्रियों की सेवा हेतु जगह-जगह भंडारे व सेवा शिविर लगाए जाते हैं, जो निःस्वार्थ भाव से “नर सेवा ही नारायण सेवा” की भावना को चरितार्थ करते हैं।
ऐसा ही एक सेवा स्थल भौंरासा क्षेत्र के काकड़दा फाटे के समीप स्थित “राम रसोड़ा भंडारा” है, जिसका इस वर्ष 13वां आयोजन किया गया है। इस सेवा कार्य की शुरुआत ग्राम बोलासा, खुर्द पिपलिया, जंगीपुर और काकड़दा के ग्रामीणों द्वारा 13 वर्ष पूर्व की गई थी और तब से निरंतर यह सेवा बिना किसी विघ्न के जारी है।
भक्तों की सेवा में 24 घंटे तत्पर
इस भंडारे में सेवा देने वाले ग्रामीण 24 घंटे यात्रियों की सेवा में लगे रहते हैं। ठाकुर बाबूसिंह पटेल (खुर्द पिपलिया) ने बताया कि यहाँ आने वाले पदयात्रियों को चाय, नाश्ता और विश्राम हेतु आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। रात को रुकने वाले यात्रियों को विशेष रूप से दाल-बाटी का स्वादिष्ट भोजन कराया जाता है, साथ ही रात्रि विश्राम के लिए बिस्तर व पंखों की व्यवस्था भी की जाती है।
भंडारे की खास बात यह है कि यह पूरी व्यवस्था जन सहयोग और स्वयंसेवकों की भावना से संचालित होती है। यह केवल भोजन वितरण का केंद्र नहीं, बल्कि एक ऐसा स्थल बन चुका है जहाँ श्रद्धा, सेवा और समर्पण का संगम देखने को मिलता है।
भक्तों का स्वागत प्रेम से
ठाकुर बाबूसिंह पटेल ने बताया, “हम बाबा रामदेव के भक्तों का स्वागत बड़े प्रेम और आदर से करते हैं। उनकी सेवा करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह आयोजन भादवा बीज तक चलता है, जब सभी भक्त बाबा के दरबार में पहुंचते हैं।”
शुभारंभ अवसर पर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस अवसर पर अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें पिपल्या खुर्द के सरपंच महिपाल सिंह बैस, ईश्वरसिंह बैस, कैलाशसिंह धाकड़, मेहरबान सिंह धाकड़, हुकम सिंह गौड़, राजेंद्र पुरी, धीरज सिंह, रविंद्र सिंह, दिलीप सिंह, अरुण मालवी, लक्ष्मण सिंह फौजी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
इन सभी ने भंडारे के शुभारंभ पर आकर सेवा भावना को प्रोत्साहित किया और सभी ग्रामीणों ने इस नेक कार्य की सराहना की।
सेवा की परंपरा बना राम रसोड़ा
राम रसोड़ा अब केवल एक भंडारा नहीं रहा, बल्कि एक सेवा परंपरा का प्रतीक बन गया है। यह आयोजन समाज में धार्मिक चेतना, आपसी सहयोग और लोकसेवा के भाव को बढ़ाने का एक सशक्त उदाहरण है।
बाबा रामदेव के चरणों में समर्पित यह सेवा निश्चित ही हर वर्ष हज़ारों भक्तों को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करती है।



