देवास। जिले सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में मौसम का मिजाज तेजी से करवट ले रहा है। सुबह-शाम की हल्की ठंडी हवाएं जहां वातावरण को सुहावना बना रही हैं, वहीं दोपहर में सूरज की तीखी किरणें और लू की तपिश अब भी बरकरार है।
इस बदलते मौसम के बीच किसानों ने खेतों में हल चला दिए हैं। खेतों की जुताई और बुवाई की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। जून की शुरुआत के साथ ही ग्रामीण अंचलों में कृषि गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ ली है।
किसानों के मुताबिक इस बार भी मुख्यतः सोयाबीन, मक्का और मूंगफली जैसी खरीफ फसलों की बुवाई की जाएगी। इनमें से सोयाबीन यहां की प्रमुख फसल है, जो न केवल खाद्य तेल उद्योग से जुड़ी है, बल्कि किसानों की आय का बड़ा जरिया भी है। वहीं, मक्का और मूंगफली भी पशुचारे, तेल उत्पादन और व्यापार की दृष्टि से अहम हैं।
खेतों में हलचल, पर आसमान की ओर टिकी निगाहें-
सुबह और शाम के ठंडे मौसम का लाभ उठाकर किसान खेतों में पूरी मेहनत से जुटे हुए हैं। ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट और बैलों के चलने की आहट सुनाई दे रही है। कुछ जगहों पर सिंचाई भी की जा रही है ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे और समय पर बीज डाले जा सकें। किसान दिन-रात खेतों में पसीना बहा रहे हैं, लेकिन उनकी निगाहें अब आसमान की ओर टिकी हैं। सभी को बेसब्री से मानसून के आगमन का इंतजार है।
मानसून की स्थिति पर मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान-
मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सामान्य रहने की संभावना है। अनुमान है कि जून के तीसरे सप्ताह से जिले में अच्छी बारिश का आगमन हो सकता है। यदि यह पूर्वानुमान सटीक बैठा, तो फसलों की अच्छी बुवाई और उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है।