सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित निलंबित

ठेकेदार ने आत्महत्या के पूर्व वीडियो बनाकर लगाए थे अवैध वसूली के गंभीर आरोप
देवास। जिले में शराब के लाइसेंसी ठेकेदार दिनेश मकवाना की आत्महत्या और उससे जुड़े एक वीडियो के वायरल होने ने प्रशासन को हिला दिया। शासन ने मामले में प्रभारी सहायक आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को निलंबित कर दिया है।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर सामने आए इस वीडियो में ठेकेदार ने प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित पर हर महीने अवैध रूप से मोटी रकम मांगने और माल रोके जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। मृतक ने वीडियो में साफ कहा था कि वह इस लगातार दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर अपनी जान दे रहा है।
वीडियो सामने आने के बाद प्रदेशभर में मामला चर्चा का विषय बन गया।
मकवाना ने आत्महत्या से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में कहा था कि आबकारी विभाग की प्रभारी सहायक आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित उनसे हर महीने लाखों रुपये की रिश्वत मांगती हैं। रुपये नहीं देने पर उनका माल रोक दिया जाता है और लगातार दबाव बनाया जाता है। उसने 8 नवंबर को आत्महत्या कर ली थी।
वाणिज्यकर विभाग की उप सचिव द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि वीडियो और समाचारों से ज्ञात तथ्यों के आधार पर आरोप प्रथम दृष्टया अत्यंत गंभीर हैं।
यह आचरण मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम–3 का उल्लंघन है। आरोप सरकारी सेवक के कर्तव्य, मर्यादा और नैतिक दायित्वों के विपरीत पाए गए।
इसी आधार पर शासन ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम–9 के तहत मंदाकिनी दीक्षित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय आबकारी आयुक्त कार्यालय, ग्वालियर तय किया गया है। इस दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने लिया स्वतः संज्ञान, तेज हुई कार्रवाई-
वीडियो वायरल होते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाया। सरकार ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी।
जहां मृतक ठेकेदार के वीडियो में दीक्षित पर रिश्वत मांगने और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, वहीं दूसरी ओर मंदाकिनी दीक्षित ने भी ठेकेदार के परिवार पर 2 करोड़ रुपये की मांग का आरोप लगाया है।



