बता मेरे यार सुदामा रे तू घणा दिना में आयो… की प्रस्तुति पर श्रद्धालु हुए भावविभोर
देवास। एक बार मंदिर नहीं जाओंगे तो चलेगा, लेकिन अपने माता-पिता, बड़े-बुजुर्गों की सेवा जरूर कर लेना। माता-पिता, बड़े-बुजुर्गों की सेवा कभी व्यर्थ नहीं जाती। जो माता-पिता की सेवा कर लेता है, उसका परलोक भी सुधर जाता है। जब माता-पिता के आशीर्वाद का पुण्य फल उदय होता है तो संसार के सारे संकट दूर हो जाते हैं। उनका आशीर्वाद कभी खाली नहीं जाता।
यह विचार राजोदा रोड स्थित नारियाखेड़ा में श्रीमद् पितृ भागवत कथा के समापन अवसर पर व्यासपीठ से भागवताचार्य पं. अजय शास्त्री सिया वाले ने व्यक्त किए।
उन्होंने आगे कहा कि भगवान के सच्चे भक्तों को भक्ति मार्ग में कोई अड़चन नहीं आती, क्योंकि ऐसे भक्तों की भगवान स्वयं रक्षा, सहायता करते हैं। भगवान अपने भक्त की परीक्षा जरूर लेते हैं, लेकिन कभी अपने भक्त को निराश नहीं होने देते हैं।
आगे कहा कि जिसकी नीयत अच्छी होती है, उसको भगवान भी साथ देता है। नीयत साफ है तो भगवान सुख-समृद्धि के भंडार भर देते हैं। जैसी नियत होती है, भगवान वैसी ही बरकत देते हैं।
पं. श्री शास्त्री ने इस दौरान बता मेरे यार सुदामा रे तू घणा दिना में आयो भक्ति गीत की प्रस्तुति दी तो श्रद्धालु भावविभोर हो गए। पलसावदिया परिवार द्वारा व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर महाआरती की गई। सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।
