धर्म-अध्यात्म

मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है इसलिए सत्कर्म ही करें- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी

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देवास। महादेव का आशीर्वाद आत्मा को शांति व शक्ति प्रदान कर चैतन्य कर देता है। शिव की उपासना से मन को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। शिव हमें हमारी अंतरात्मा में व्याप्त विषय विकार समाप्त कर सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाते हैं। जब हम शिव की आराधना करते हैं तो हमारी आत्मा को दिव्यता प्राप्त होती है।

यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कालानी बाग सेंटर जिले के मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने विकासनगर में परमात्म शिव की पूजा अर्चना के दौरान व्यक्त किए। दीदी ने आगे कहा कि हम भी प्रतिदिन बाबा की आज्ञा का पालन कर निमित्त बन सेवा, पूजा-अर्चना करते रहें। यदि हम निस्वार्थ भाव से बाबा पर समर्पण हो जाते हैं तो बाबा स्वयं ही हमें निमित्त बनाकर सेवा कराते रहते हैं।

दीदी ने आगे कहा कि आत्मा स्वयं अपना मित्र है और वह स्वयं ही अपना शत्रु भी है। मनुष्य समझता है कि उसे सामने दिखाई देने वाले अमुक व्यक्ति, वस्तु, अथवा कारण से दुख की प्राप्ति हो रही है, किंतु वास्तव में प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले यह कारण केवल निमित्त मात्र ही होते हैं। असली कारण तो केवल मनुष्य आत्माओं के इस जन्म अथवा पूर्व जन्मों में किए हुए अपने ही विकर्म होते हैं। इसलिए याद रखना चाहिए कि हर एक कर्म का फल मिलना अवश्यम्भावी है। यह अलग बात है कि कई कर्मों का फल तुरंत मिल जाता है और कईयों का कुछ समय बाद, परंतु जैसा कि लोग कहते भी हैं कि ईश्वर के यहां देर है किंतु अंधेर नहीं है। हर कर्म का फल भोगना पड़ता है। इसलिए हमें अपने कर्म का ध्यान रखना चाहिए।

इस दौरान प्रेमलता दीदी का भाई-बहनों द्वारा पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी, अपुलश्री दीदी, लता पाटिल बहन, मीना बहन, विवेक भाई, रत्नप्रभा बहन, सफला बहन, इंदिरा दीदी, ज्ञानेंद्र पाटिल भाई, प्रशांत भाई, प्रदीप भाई आदि उपस्थित थे।

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