खेत-खलियान

दिन में सिंचाई के लिए बिजली का शेड्यूल, तेज धूप में खेतों पर सिंचाई के लिए मजबूर किसान

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– भारतीय किसान संघ ने की मांग: सिंचाई के लिए रात में दी जाए बिजली

देवास। गेहूं और चने की कटाई के बाद जिले के किसान अब खेतों में सब्जियों की खेती कर रहे हैं, लेकिन भीषण गर्मी के बीच दिनभर बिजली मिलने से किसान राहत के बजाय परेशान हो रहे हैं। सिंचाई के लिए खेतों में दिनभर रहना उनकी मजबूरी बन गई है, क्योंकि बिजली सुबह 8 से शाम 6 बजे तक ही दी जा रही है।

गर्मी में तपती दोपहर में भी करना पड़ रहा सिंचाई का काम-
बरोठा, सन्नोड़, सुनवानी महाकाल और आसपास के ग्रामीण अंचलों में किसान इन दिनों भिंडी, लौकी, टमाटर, धनिया जैसी गर्मी की फसलें उगा रहे हैं। इन फसलों को नियमित सिंचाई की जरूरत होती है, लेकिन दोपहर की तेज लू और तपन के बीच किसानों को खेतों में रहकर पानी देना पड़ रहा है। दिनभर बिजली सप्लाई के कारण बोरवेल में पानी संचय भी नहीं हो पा रहा है, जिससे दबाव कम हो रहा है और सिंचाई में बाधा आ रही है।

बिजली की केबल तक जल रही, बढ़ा खतरा-
तेज गर्मी और अत्यधिक लोड के कारण कई जगह बिजली की केबलें भी जलने लगी हैं। इससे फसलों की सिंचाई बीच में ही रुक जाती है। कुछ किसानों ने बताया कि बोरवेल चालू रखते हुए अगर अचानक लाइन बंद हो जाए, तो मोटर भी जलने का खतरा बना रहता है।

रात में बिजली देने की मांग-
भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री शेखर पटेल ने कहा, कि ठंड के मौसम में बिजली रातभर दी जाती थी, जिससे किसान सर्द रातों में भी खेतों में जागकर सिंचाई करते थे। अब जब गर्मी का मौसम है, तो दिन में बिजली दी जा रही है। इससे किसान तेज धूप और लू में खेतों में काम करने को मजबूर हैं। बिजली विभाग को किसानों की इस व्यथा को समझते हुए रात के समय बिजली देना चाहिए, जिससे वे राहत से सिंचाई कर सकें।

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