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सद्गुरु के संवाद से मानव मोह-माया से मुक्त हो जाता है- सद्गुरु मंगल नाम साहेब

ByNews Desk

Mar 28, 2025
Kabir ashram
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Kabir ashram

देवास। जीव सृष्टि की व्यापक वस्तु है। जो अजर-अमर और अविनाशी है, लेकिन मोह-माया की फांस डालकर इसे 84 लाख योनियों की पीड़ाओं में नाचाया जा रहा है। यह सब गोविंद की ही माया है। जिसमें मानव 84 लाख योनियों में भटक रहा है। लेकिन जो चैतन्य पुरुष है, वह सीमाओं से रहित है। जीव को 84 लाख योनियों के भ्रम में डाल दिया जिसकी कोई सीमाएं नहीं है। उसे 84 लाख योनियों की सीमाओं में बांध दिया गया है। माया का भ्रम खड़ा करके। जैसे बचपन, जवानी और बुढ़ापा।

यह विचार सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने सद्गुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थलीय सेवा समिति मंगल मार्ग टेकरी द्वारा आयोजित गुरु-शिष्य चर्चा, गुरुवाणी पाठ में व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि ब्रह्म कोई विशेष वस्तु का नाम नहीं है। कोई भी चीज को आकार देने वाले को ब्रह्म कहते हैं। संसार में किसी भी चीज को माया का रंग दे दिया, कि यह मकान तेरा है, यह दुकान तेरी है, यह जमीन तेरी है। फिर मकान को बेचने के बाद थोड़ा बहुत पैसा जेब में रख लिया या बैंक में जमा कर दिया। बेचने के बाद अगर उसमें आग लग गई, तो कहेंगे कि यह मकान मेरा नहीं है। बेचकर बेफिक्र हो जाते हैं, मुक्त हो जाते हैं।

यह जो मोह-माया का जो आपके अंदर कांटा लगा हुआ है इसको सद्गुरु के संवाद से ही चैतन्य किया जा सकता है, निकाला जा सकता है। सद्गुरु के संवाद से मानव मोहमाया से मुक्त हो जाता है। इस दौरान साध संगत द्वारा सद्गुरु मंगल नाम साहेब का गुलाब की मालाओं से स्वागत कर आशीर्वचन लिए। यह जानकारी सेवक वीरेंद्र चौहान ने दी।