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नई शिक्षा नीति: आंगनवाड़ी केंद्रों में अब बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा भी मिलेगी

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– आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
बागली (हीरालाल गोस्वामी)। वर्ष 2020 की नई शिक्षा नीति के तहत 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से प्रत्येक माह अलग-अलग विषय पर पोषण आहार के साथ-साथ व्यवहारिक शिक्षा दी जाएगी। जो आंगनवाड़ी विशेष रूप से स्कूल परिसर में लग रही है, उनके लिए नई शिक्षा नीति जारी 2020 में की गई थी। इसके तहत 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को खेल-खेल की गतिविधि के साथ-साथ व्यवहारिक अध्ययन बताया जाएगा। यह वर्ष के 10 माह अध्यापन समय में 10 भागों में विभाजित होगा, जिसके तहत पारिवारिक जानकारी भौगोलिक, जानकारी, आधिकारिक जानकारी, राजनीतिक जानकारी, लोकल संस्कृति की जानकारी, मौसम संबंधी जानकारी, पशु पक्षियों संबंध जानकारी आदि दी जाएगी। छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से छोटे बच्चों को यह जानकारी दी जाएगी, ताकि वह 6 वर्ष उम्र के बाद कक्षा पहली में परिपक्व रूप से अध्ययन कार्य शुरू करें। इस संबंध में मास्टर ट्रेनरों की उपस्थिति में 5 दिनों तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग बागली बीआरसी परिसर में दी गई। 5 अगस्त तक 40 ट्रेनिंग में दोनों परियोजना की मिलाकर 80 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। ट्रेनिंग में प्रभारी मेहरबानसिंह सेंधव, प्रियंका मुन पाटीदार, कौशल्या मालवीय, श्यामा भार्गव, उषा पंड्या, उषा मालवीय, सीमा खोचनवार आदि उपस्थित रहे। सभी को ट्रेनिंग के दौरान शासन की नई नीति के तहत किस प्रकार बच्चों का बौद्धिक विकास हो इस विषय में जानकारी दी गई। परियोजना अधिकारी ने बताया कि आंगनवाड़ी अध्ययनरत बच्चों को पोषण के साथ-साथ गुणवत्तापूर्वक शिक्षा भी देना है। पहले यह शिक्षा 6 वर्ष से ऊपर के बच्चों को दी जाती थी।

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