देवास। एक राम घट-घट में बैठा, एक राम दशरथ का बेटा, एक राम का सकल पसारा, एक राम सबसे न्यारा। राम व्यापक है, अनंत राम है जो सब में बैठा हुआ है। यह सब वही राम है जो गुण में नहीं आता। जो सबका मूल संचालक है। यह विचार सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने सदगुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थलीय सेवा समिति मंगल मार्ग टेकरी द्वारा आयोजित आनंदी आरती, गुरु वाणी पाठ, गुरु शिष्य चर्चा के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा, कि जो आत्मा है, हम उसे नहीं पहचान रहे हैं। जिस दिन हम आत्मा को पहचान जाएंगे, उस दिन हम इस नाशवान संसार की मोह माया से मुक्त हो जाएंगे। जब सद्गुरु के सानिध्य में, सद्गुरु की शरण में आओंगे। सतगुरु के वाणी, विचारों को आत्मसात करोंगे, तब ही तुम्हारी आत्मा का अंधकार मिटकर आत्मा चैतन्य होगी। बिना सद्गुरु के संसार में तुम्हारा संशय मिटने वाला नहीं है। सद्गुरु अपने वाणी, विचारों से आत्मा को चैतन्य कर देते हैं। जब तक जीवन में संशय भ्रम है तब तक संसार में ही उलझे रहोंगे, भटकते रहोंगे। संसार से पार होने, मुक्त होने के लिए सद्गुरु की शरण में जाना होगा।
चौका आरती सद्गुरु मंगल नाम साहेब के सानिध्य में नितिन साहेब व नीरज साहेब द्वारा संपन्न कराई। इस दौरान सद्गुरु मंगल नाम साहेब का साध- संगत द्वारा गुलाब की मालाओं से स्वागत किया गया व आशीर्वचन लिए। यह जानकारी सेवक वीरेंद्र चौहान ने दी।