धर्म-अध्यात्म

महाशिवरात्रि पर देवबड़ला में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

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– महादेव के दर्शन के लिए पहुंचे 50 हजार से अधिक श्रद्धालु

(वीरेंद्रसिंह ठाकुर की रिपोर्ट)
देवास/सीहोर। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर देवांचल धाम, देवबड़ला बीलपान में आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।
मां नेवज नदी के उद्गम स्थल और ऐतिहासिक पुरातात्विक धरोहर देवबड़ला में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए उमड़े।

रुद्राभिषेक के साथ कथा-
मंदिर समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह भगत ने बताया कि महाशिवरात्रि के मुख्य दिन सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। दिन की शुरुआत भगवान महादेव के रुद्राभिषेक से हुई, जिसके बाद तीसरे दिन की कथा प्रारंभ की गई। कथा वाचक पंडित राजेश शर्मा ने भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हुए कहा, कि शिव आराधना से व्यक्ति के जीवन में धन, धान्य, सुख, सौभाग्य, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि शिव ही इस सृष्टि की ऊर्जा हैं और उन्हीं की कृपा से सारा संसार संचालित होता है।

महाशिवरात्रि

भक्तों का तांता, भंडारे का आयोजन-
देवबड़ला स्मारक के इंचार्ज विजेंद्रसिंह भाटी ने बताया कि दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भक्तों ने शांतिपूर्वक बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए और मंदिर प्रांगण में पुरातत्व विभाग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मंदिर परिसर में फलहार एवं खिचड़ी प्रसादी का वितरण किया गया, जिससे हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्थाएं-
मेले के दौरान पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग, फॉरेस्ट विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग सहित सभी शासकीय विभागों ने अपना भरपूर सहयोग दिया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिससे भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

Shiv shankar

भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम-
महाशिवरात्रि पर देवबड़ला में आस्था और परंपरा का अनूठा संगम देखने को मिला। इस पावन अवसर पर भक्तों ने बाबा विल्वैश्वर महादेव के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित कर परिवार, समाज और देश के कल्याण की प्रार्थना की।

 

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