– भागवत कथा के दूसरे दिन उमड़े श्रद्धालु
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। गुरु की महत्ता हमारे जीवन में अनुपम है, क्योंकि गुरु के बिना हम जीवन का सार ही नहीं समझ सकते। हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गुरु के समक्ष चंचलता नहीं करनी, सदा अल्पवासी होना चाहिए। जितनी आवश्यकता है उतना ही बोले और जितना अधिक हो सके गुरु की वाणी का श्रवण करें।
यह विचार यादव धर्मशाला में चल रही श्रीमदभगवत कथा के दूसरे दिन स्नेहा किशोरी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गुरु चरणों की सेवा का अवसर मिलना परम सौभाग्य और अनमोल है। मुझे भी ठाकुर जी की कृपा से गुरु सेवा का दायित्व मिला। गुरु की सेवा समर्पित भाव से करना चाहिए। गुरु का ज्ञान अनमोल और गुरु की महिमा अपार है।
स्नेहा किशोरी ने कहा हमारे धार्मिक ग्रंथों में करुणा को महत्व दिया गया है। दया-करुणा मनुष्यता की पहचान है। भागवत कथा का श्रवण करना शारीरिक शुद्धि है, उस पर मनन करना मन की शुद्धि है। भागवत कथा को आत्मसात करना ही जीवन मुक्ति का मार्ग है। मेरा कहना है कि आप भागवत कथा को आत्मसात करें। यह आपके जीवन में नई ऊर्जा देगी और आपको परिवर्तन महसूस होगा। यह कथा आपको जीवन जीने की कला सिखाएगी।
किशोरीजी ने कथा के दौरान भजन भी सुनाए। भजनों के साथ श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। कथा श्रवण के लिए आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। आयोजक एडवोकेट गोविंद यादव, हरिनारायण यादव, देवकरण यादव, शिवनारायण यादव, पप्पू यादव, राजेश यादव, शंकर यादव, राधेश्याम यादव, जगदीश यादव, धर्मेंद्र गुरु आदि ने बताया कि बारिश का मौसम है, इसलिए धर्मशाला के अंदर ही भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से कथा श्रवण की अपील की है।
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