देवास। आज के संस्कारशून्य वातावरण में हर घर में हवन होना जरूरी है। आज प्रत्येक परिवार में टीवी, मोबाइल के दुरूपयोग के कारण नकारात्मक वातावरण बना हुआ है। परिवार छोटे हो गए, तो मन भी छोटा हो गया है। कई परिवारों में आज के दौर में सामंजस्य नहीं है। परिवार के इस वातावरण को यदि ठीक करना है, तो सप्ताह में कम से कम 1 दिन घर पर हवन किया जाना चाहिए। प्रत्येक घर से जब यज्ञ-हवन का धुआं उठेगा, तभी देश और समाज की स्थिति भी बदलेगी। राष्ट्र का नवनिर्माण होगा।
यह विचार पंचमुखी धाम आगरोद के महंत कृष्णगोपाल दास महाराज ने मालीपुरा में 2 से 8 मई तक आयोजित किए गए महायज्ञ की पूर्णाहुति के दौरान बुधवार को व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि आज बच्चों को सुसंस्कृत करना आवश्यक है। बच्चे देखकर सीखते हैं। जैसा हमारा आचरण होगा, वैसा ही बच्चे सीखेंगे। इसलिए प्रत्येक परिवार में धार्मिकता का वातावरण होना चाहिए। हवन, पूजा-पाठ आदि चलना ही चाहिए। नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाना ही सच्ची राष्ट्र सेवा है, इसलिए गरुड़दासजी महाराज ध्यान योग साधना एवं सेवा न्यास पंचमुखी धाम आगरोद के तत्वाधान में जगह-जगह संस्कार शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उसमें अपने बच्चों को अवश्य भेजना चाहिए।
पूर्णाहुति के बाद कृष्णगोपाल दास महाराज, काशी के रघुनाथ दासजी, विजय दासजी, चित्रकूट से पधारे रवि लोचनदासजी, भुवनेश्वर दासजी, स्वामी दामोदरानंदजी, सुखराम दासजी आदि संत-महात्माओं के सानिध्य में श्री लक्ष्मी नारायण भगवान की महाआरती की गई।
आयोजन समिति के वासुदेव परमार, राहुल हरोड़े ने बताया, कि राष्ट्रीय सेवक संघ के हुतात्मा सुनील जोशी की तस्वीर भी प्रेरणा स्वरूप पंडाल में विराजित कर उनके शिष्यों द्वारा प्रतिदिन नमन कर यज्ञ-हवन में अपनी भूमिका निभाकर यज्ञ-हवन को सफल बनाया। पूर्णाहुति के बाद शाम को भंडारा किया गया। इसमें हजारों श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण कर धर्म लाभ लिया। यह जानकारी आयोजन समिति के राहुल हरोड़े ने दी।
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