राजस्थान के सुरसुरा वीर तेजाजी महाराज धाम मंदिर से निशान के साथ अखंड ज्योत पैदल लेकर चल रहे भक्त

600 किलोमीटर की दूरी तय कर ग्राम अमोदिया पहुंचेंगे, भक्तजनों में दिखी अटूट श्रद्धा और आस्था
देवास (दिनेश सांखला)। देवास जिले की हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अमोदिया में वीर तेजाजी महाराज का मंदिर है। मंदिर के प्रति गांव के लोगों की बड़ी श्रद्धा और आस्था जुड़ी हुई है। लोग अपने ग्राम की सुख समृद्धि, धर्म के प्रति आस्था, समाज एवं राष्ट्र कल्याण के लिए राजस्थान में स्थित सुरसुरा में वीर तेजाजी महाराज धाम मंदिर से अखंड ज्योत पैदल लेकर ग्राम अमोदिया आते हैं।
पूर्वज राजस्थान के अजमेर जिले के सुरसुरा धाम में स्थित वीर तेजाजी महाराज के मंदिर से अखंड ज्योत लेकर पैदल चलकर 600 किलोमीटर की दूरी तय कर देवास जिले के ग्राम अमोदिया में स्थित वीर तेजाजी जी महाराज के मंदिर पहुंचे हैं। यहां सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भक्तजन वहां से प्रज्वलित ज्योत से ज्योत प्रज्वलित कर पैदल आते हैं और यह अखण्ड ज्योत अपने ग्राम अमोदिया में स्थित वीर तेजाजी जी महाराज के मंदिर पर विधि विधान के साथ रखते हैं।
इन्हीं परंपराओं के चलते हुए ग्राम अमोदिया के राधेश्याम जाट (नानाजी), सुनील जाट, हरिशंकर जाट, संदीप जाट, संतोष रावत, कैलाश जाट, राहुल लोधी, राजेश लोधी (राजा), अर्पित जाट जैसे भक्तजनों की टीम राजस्थान के वीर तेजाजी महाराज धाम मंदिर पर 15 अगस्त को पहुंची। जहां इन भक्तजनों ने वीर तेजाजी महाराज का विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करने के साथ दीप प्रज्वलित की। ज्योत एवं निशान का विधिवत पूजन अर्चन कर अपनी पैदल यात्रा प्रारंभ की, जहां प्रतिदिन 50 किलोमीटर का सफर तय करते और रात्रि में रास्ते में जो भी ग्राम-नगर होता, वहां विश्राम करते और अगले दिन दोबारा वापस ज्योत लेकर पैदल चल देते हैं। यह भक्तजन शनिवार की शाम को देवास पहुंचे। बालगढ़ रोड स्थित भोलेनाथ मंदिर पर पहुंचे।
रात्रि विश्राम के पश्चात सुबह अपनी ज्योत यात्रा प्रारंभ कर अमोदिया के लिए निकले। आज यह ज्योत यात्रा ग्राम टिनोनिया माताजी के स्थान पर पहुंची। सोमवार को सुबह ग्राम अमोदिया पहुंचेगी। राधेश्याम जाट (नानाजी) एवं सुनील जाट ने चर्चा करते हुए बताया, कि हम ध्वज निशान के साथ अखंड ज्योत लेकर पैदल चल रहे हैं, क्योंकि वीर तेजाजी महाराज के प्रति हमारी श्रद्धा और आस्था है। हम आज रात्रि को टीनोनिया माताजी के स्थान पर रुकेंगे। अगले दिन 25 अगस्त को सुबह हमारे ग्राम अमोदिया पहुंचेंगे। ग्राम में स्थित वीर तेजाजी महाराज के मंदिर में पूजा अर्चना के साथ अखंड ज्योत को स्थापित करेंगे।
श्री जाट (नानाजी) एवं सुनील जाट ने बताया कि जब हम वीर तेजाजी महाराज धाम मंदिर सुरसुरा राजस्थान से अखंड ज्योत लेकर पैदल निकले तो हमें बारिश नहीं मिली। हमने अनेक स्थानों पर यह देखा कि हमारे आगे-आगे बारिश होती लेकिन जैसे हम चलते तो हमें बारिश का सामना नहीं हुआ। हमारे आगे-आगे इंद्र देवता भी अखंड ज्योत का स्वागत करते। जब हम जहां भी रात्रि विश्राम करते हैं तब पानी आता। हमारे मन में यह था कि पानी के कारण अखण्ड ज्योत को पैदल लेकर चल रहे हैं, लेकिन वीर तेजाजी महाराज स्वयं रक्षा कर रहे हैं। यही हम लोगों की श्रद्धा, आस्था एवं सच्ची भक्ति का परिणाम है। राजस्थान के सुरसुरा धाम से भक्तजन निशान के साथ अखंड ज्योत पैदल लेकर चल रहे। इनका जगह-जगह धर्मप्रेमी नागरिकों द्वारा अखंड ज्योत का दर्शन कर स्वागत किया जा रहा है।



