देवास

गांवों में गहराया जलसंकट, सूख रहे हैं जलस्त्रोत

– विद्युत कटौती ने बढ़ाई समस्या, तेज धूप में पानी के लिए भटकने को मजबूर ग्रामीण
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। इन दिनों बेहरी सहित आसपास की सभी ग्राम पंचायतों में जलसंकट गहरा गया है। हैंडपंप, कुएं सूख चुके हैं। लोग पानी के लिए गर्मी में भटक रहे हैं। विद्युत कटौती के चलते समस्या और बढ़ गई है। लाइट दोपहर में रहती है। ऐसे में लोगों को तेज धूप में ही पानी लाना पड़ता है।
क्षेत्र से संबंधित 5 ग्राम पंचायत में बेहरी ग्राम पंचायत, चारबर्डी ग्राम पंचायत, धावड़िया ग्राम पंचायत लखवाडा, ग्राम पंचायत सेवन्या में इन दिनों पानी की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। कई परंपरागत जल स्रोत सूख चुके हैं। कुएं इतने गहरे हैं, कि उनमें से पानी निकालना कठिन है। कुछ किसानों के यहां ट्यूबवेल चलते हैं, वह पानी निशुल्क रूप से देने को तैयार है, लेकिन लाइट है कि सुबह 11 से शाम 5 बजे तक रहती है। इसके चलते भरी दोपहर में पानी की व्यवस्था करने हेतु परिवार के सदस्य भटकते हैं। टैंकर पर प्रतिबंध होने के कारण ग्राम पंचायत टैंकर से पानी वितरण नहीं कर पा रही है, जबकि मकान बनाने के लिए 300 से 500 रुपए तक शुल्क लेकर टैंकर दे रहे हैं। विधायक एवं सांसद द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो-दो टैंकर मौजूद है, लेकिन इसका फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल रहा। कोई भी ग्राम पंचायत पेयजल के लिए टैंकर उपलब्ध नहीं करा रही है। प्राइवेट लोग इन्हीं टैंकरों को मकान बनाने में काम ले रहे हैं। मवेशियों को पानी पिलाने में विशेष दिक्कत आ रही है। दोपहर में लाइट रहने की वजह से सुबह-शाम पानी पिलाने में परेशानी आती है।
ग्रामीण राजेंद्र पाटीदार, प्रहलादगिरि गोस्वामी, जुगल पाटीदार, दिलीप वर्मा, जीवन सुनेरिया, शोभाराम मालवीय, रतन बागवान व राजेंद्र उपाध्याय का कहना है कि सुबह 7 बजे से 12 बजे तक व दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक लाइट देना चाहिए, ताकि खेतों पर बंधे मवेशियों को पानी पिलाया जा सके। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की बस्ती वाली लाइट, जहां पर लोग रह रहे हैं, वहां पर कटौती खत्म करना चाहिए।

भरी दोपहर में पानी के लिए दौड़ने पर हुए बीमार-
कई स्थानों पर पानी निशुल्क रूप से दिया जाता है। साइकल, मोटरसाइकिल या बैलगाड़ी से कैन में भरकर 2 किलोमीटर दूर से परिवहन कर पानी लाया जा रहा है। कई गरीब परिवारों के पास कोई साधन नहीं होने से सिर पर उठाकर भी ला रहे हैं पानी। ऐसे में परिवार के छोटे-बड़े महिला-पुरुष सभी सदस्य लगते हैं। विशेषकर छोटे बच्चे भरी दोपहरी में निकलने से लू की चपेट में आ गए हैं। बेहरी क्षेत्र में आधे से अधिक परिवार में एक सदस्य बीमार है।
नहीं होती पानी की जांच-
ग्रामीण जहां से भी मिले पानी की व्यवस्था कर रहे हैं, ऐसे में बगैर जांच किए पानी का उपयोग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अधिकतर ट्यूबवेल 600 फीट से अधिक गहरे हैं, जिनका पानी पीने योग्य नहीं है। फिर भी लोग प्यास बुझाने के लिए इस पानी का उपयोग कर रहे हैं। इससे आने वाले समय में गंभीर बीमारियां उत्पन्न होने की आशंका है।
जनप्रतिनिधियों व संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच का कहना है कि शासन द्वारा टैंकर से पानी वितरण करने पर रोक लगा रखी है, वही पंचायत को निजी रूप से किसान पानी नहीं देते हैं। पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण पेयजल आपूर्ति नहीं करा पा रहे हैं। कुछ किसान मर्जी से निशुल्क पानी देते हैं, लेकिन वह भी टैंकर नहीं भरते। खुले में ही कैन भरकर देते हैं।
मेंटेनेंस के नाम पर विद्युत कटौती-
बेहरी, चैनपुरा, मालीपुरा रामपुरा के अधिकतर लोगों का कहना है कि विद्युत विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जानबूझकर मेंटेनेंस के नाम पर 3 से 4 घंटे तक विद्युत बंद रखी जा रही है, जिसके चलते पानी की व्यवस्था बिगड़ रही है। कारण यह है कि पानी के अधिकतर स्रोत ट्यूबवेल है, जिसमें मोटर लगी होती है। बगैर विद्युत के मोटर नहीं चलाई जा सकती। कुएं लगभग सभी सूख चुके हैं। रस्सी-बाल्टी का काम अब नहीं रहा।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button