भागवत कथा का श्रवण व मनन जरूरी, इससे पाप कर्म से मिलती है मुक्ति- पं. अंबाराम राजगुरुजी


बेहरी। भागवत कथा का श्रवण करना शारीरिक शुद्धि है, उस पर मनन करना मन की शुद्धि है और आत्मसात करना मानव जीवन की मुक्ति का मार्ग है। भागवत कथा श्रवण करने व मनन करने से पाप कर्म से मुक्ति मिलती है। वर्षों पूर्व हमारे पूर्वज और प्रकांड विद्वान इसका अनुसरण करते थे तो पृथ्वीवासी और स्वर्ग निवासी मानव में कोई अंतर नहीं था। यह विचार पाटीदार धर्मशाला बेहरी में श्रीमद भागवत कथा में सारंगपुर के पं. अंबाराम राजगुरुजी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान स्वयं हर युग में अपनी लीला रचने अवतार लेकर पृथ्वी पर आते रहे हैं। जब से हम लोग धर्म कर्म और भागवत अनुसरण से विमुख हुए तभी से समस्याएं हमारे चारों तरफ आ चुकी है। ये समस्या और भी विकराल हो जाएगी, इसलिए समय रहते हमें संभलकर अपनी गति और मति सुधारना है। पाटीदार समाज की धर्मशाला में चल रही भागवत कथा का आनंद लेने के लिए आसपास के 10 गांवाें के श्रद्धालु आ रहे हैं। आयोजक सूरजमल पाटीदार, पवन पाटीदार, जुगल पाटीदार, हरि नारायण पाटीदार, सुनील पाटीदार, श्रीराम पाटीदार, मांगीलाल पाटीदार, आत्माराम पाटीदार ने बताया कि बारिश का मौसम है, इसलिए धर्मशाला के अंदर ही भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।



