एक ही ऑइल में बार-बार तले जा रहे थे व्यंजन, मंचूरियन घोल भी मिला खराब

सेहत से खिलवाड़: चाट चौपाटी पर बड़ी कार्रवाई, 5 लीटर ऑइल नष्ट किया
खाद्य विभाग व नगर निगम टीम ने किया निरीक्षण
देवास। स्वाद के नाम पर सेहत से समझौता करना अब महंगा पड़ सकता है। बार-बार उपयोग किए गए खराब ऑयल और लंबे समय तक रखे मंचूरियन के घोल जैसे खाद्य पदार्थ न केवल पेट बल्कि दिल और लीवर के लिए भी नुकसानदायक होते हैं। ऐसे अस्वच्छ और निम्न गुणवत्ता वाले खानपान से बचने की अपील के बीच प्रशासन ने देवास के प्रमुख फूड जोन सयाजी गेट स्थित चाट चौपाटी पर सख्त कार्रवाई की।
कलेक्टर ऋतुराज सिंह के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा विभाग एवं नगर निगम की स्वास्थ्य टीम के संयुक्त दल ने यहां औचक निरीक्षण किया। यह कार्रवाई संभाग स्तरीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की मोबाइल वैन के माध्यम से की गई। दल ने ऑयल टेस्टर यंत्र की सहायता से चाट, पकोड़ी और अन्य तले हुए खाद्य पदार्थों में उपयोग किए जा रहे तेल की गुणवत्ता की जांच की।

निरीक्षण के दौरान कई दुकानों में बार-बार उपयोग किया गया और मानकों पर खरा न उतरने वाला खाद्य तेल पाया गया। मौके पर ही लगभग 5 लीटर गुणवत्ताविहीन व बार-बार उपयोग हुआ तेल नष्ट कराया गया। इसके अलावा खराब गुणवत्ता वाला कच्चा माल, विशेषकर मंचूरियन का पुराना घोल, जब्त कर नष्ट किया गया। स्वच्छता एवं खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने वाली दुकानों पर नगर निगम की टीम ने नियमानुसार जुर्माना लगाया और साफ-सफाई तथा गुणवत्तापूर्ण सामग्री के उपयोग के सख्त निर्देश दिए।

बार-बार उपयोग किए गए ऑयल के नुकसान-
विशेषज्ञों के अनुसार, एक ही तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें ट्रांस फैट और हानिकारक रसायन बढ़ जाते हैं। इससे पेट की समस्याएं, दिल की बीमारियां, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने और लंबे समय में गंभीर रोगों का खतरा रहता है। इसी तरह लंबे समय तक रखा गया मंचूरियन घोल बैक्टीरिया पनपने का कारण बन सकता है, जो फूड पॉइजनिंग का बड़ा कारण है।
खाद्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे बाहर खानपान करते समय साफ-सफाई, ताजगी और खाद्य गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। यदि कहीं गड़बड़ी नजर आए तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें, ताकि स्वाद के साथ सेहत भी सुरक्षित रह सके।



