रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिले, फसलों की बढ़वार भी हुई तेज

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। क्षेत्र में पिछले चार दिनों से हो रही रुक-रुक कर बारिश ने किसानों के चेहरों पर रौनक लौटा दी है। कभी तेज तो कभी रिमझिम होती वर्षा से न केवल खेतों में हरियाली लौट आई है, बल्कि फसलों की बढ़वार भी तेज हुई है। मानसून की इस सकारात्मक शुरुआत से किसान परिवारों में आशा और उत्साह का माहौल है।
हालांकि क्षेत्र के किसान परंपरा अनुसार अब भी देवी-देवताओं की पूजा कर वर्षा की निरंतरता बनाए रखने की प्रार्थना कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि इस समय की बारिश, जिसे स्थानीय भाषा में “रंजने वाला पानी” कहा जाता है, वह भूमि के भीतर तक समाहित होता है और जलस्तर को सुधारने में बेहद सहायक होता है।
कृषक बोले- धरती के लिए अमृत समान है यह पानी
बुजुर्ग किसानों नाथूसिंह सेठ, मूलचंद पाटीदार, भागीरथ पटेल और घीसालाल दांगी ने बताया कि आषाढ़ माह में ऐसी वर्षा को अत्यंत शुभ माना जाता है। उन्होंने बताया कि यह पानी धीरे-धीरे जमीन में समा कर कुएं, ट्यूबवेल और सूखी नदियों को पुनः जीवन देता है। जबकि तेज बहाव वाली बारिश अक्सर खेतों को नुकसान ही पहुंचाती है।
फसलों की ग्रोथ में आई तेजी
किसानों ने बताया कि पिछले चार दिनों से हो रही रुक-रुक कर बारिश के चलते फसलों की वृद्धि में असाधारण तेजी देखी गई है। जो फसल 8 दिनों में नहीं बढ़ पाई थी, वह मात्र 4 दिनों में दोगुनी ऊंचाई तक पहुंच गई है। खेतों में बिछी हरियाली की चादर किसानों की मेहनत को साकार रूप देती नजर आ रही है।
अब तक 4 इंच बारिश, विगत वर्ष से 5 इंच कम
मानसून के अब तक के आंकड़ों की बात करें तो क्षेत्र में करीब 4 इंच वर्षा दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 5 इंच कम है। फिर भी, इस बार बारिश की गति और अंतराल संतुलित है, जिससे फसल की जड़ों को भरपूर नमी मिल रही है।
पशुपालकों को भी राहत
पशुपालकों ने बताया कि मौजूदा मानसून के चलते अब 7-8 दिनों में हरे चारे की पर्याप्त उपलब्धता हो जाएगी, जिससे पशुओं के भोजन की चिंता भी दूर हो रही है। मानसून इसी तरह रहा तो पशुधन के लिए चारे की कोई कमी नहीं रहेगी।
पानी संकलन के लिए जागरूकता
विगत वर्ष जल संकट झेल चुके किसानों ने इस बार ठान लिया है कि बहते पानी को रोकने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। किसानों का कहना है कि जल संरक्षण के उपाय जैसे – खेत तालाब, मेढ़ बंधान और वर्षा जल संग्रहण प्रणाली पर इस वर्ष खास ध्यान दिया जाएगा।
कुल मिलाकर क्षेत्र में मानसून का आगमन संतोषजनक रहा है और किसानों को उम्मीद है कि इंद्रदेव की मेहरबानी इसी तरह बनी रही तो इस वर्ष कृषि उत्पादन भी अच्छा होगा।



