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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूरदराज के इलाकों में रहने वाले कारीगरों की मदद करने और उन्हें मूल्य शृंखला का हिस्सा बनाने के लिए ‘मिशन मोड’ में काम करने की आवश्यकता पर शनिवार को बल दिया।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूरदराज के इलाकों में रहने वाले कारीगरों की मदद करने और उन्हें मूल्य शृंखला का हिस्सा बनाने के लिए ‘मिशन मोड’ में काम करने की आवश्यकता पर शनिवार को बल दिया।
मोदी ने बजट के बाद ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान’ योजना पर आयोजित एक वेबिनार में कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य आज के कारीगरों को कल का बड़ा उद्यमी बनाना है। इसके लिए उनके व्यापार मॉडल में स्थिरता जरूरी है।’’
उन्होंने सभी हितधारकों से छोटे कारीगरों को अपनी मूल्य शृंखला का हिस्सा बनाने का आह्वन किया।
मोदी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ का उद्देश्य कारीगरों के कौशल को निखारना, उनके लिए आसानी से ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना और ब्रांड प्रचार में उनकी मदद करना है ताकि उनके उत्पाद बाजार में जल्दी पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य कारीगरों और लघु कारोबार से जुड़े लोगों की भी मदद करना भी है।
उन्होंने कहा कि ‘स्किल इंडिया मिशन’ के तहत करोड़ों लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लघु स्तर के कारीगर स्थानीय शिल्प के निर्माण और देश के विकास में अहम् भूमिका निभाते हैं।
We can’t leave them on their own. This is a section that has protected its craft through traditional methods for centuries, a section that has made its identity through its extraordinary skill and unique creation. They’re the symbols of true sense of Aatmanirbhar Bharat: PM Modi pic.twitter.com/DwXbOUHtjb
— ANI (@ANI) March 11, 2023
पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भी, कारीगरों को सरकार से आवश्यक हस्तक्षेप कभी नहीं मिला। नतीजा यह हुआ कि आज इस असंगठित क्षेत्र के अधिकांश लोग आजीविका के लिए छोटे मोटे काम करते हैं। कई अपना पुश्तैनी पेशा छोड़ रहे हैं। वे आज की जरूरतों के अनुसार खुद को ढालने की क्षमता से बाहर हो रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम उन्हें उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते। यह एक ऐसा तबका है जिसने सदियों से अपने शिल्प को पारंपरिक तरीकों से सुरक्षित रखा है, एक ऐसा तबका है जिसने अपने असाधारण कौशल और अनूठी रचना से अपनी पहचान बनाई है। वे आत्मानिर्भर भारत के सच्चे अर्थों के प्रतीक हैं।
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम विकास)’ पर बजट के बाद के वेबिनार में पीएम मोदी ने कहा पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान की घोषणा के बाद व्यापक चर्चा हुई, समाचार पत्रों और आर्थिक विशेषज्ञों ने इस पर ध्यान दिया। महज घोषणा आकर्षण का केंद्र बन गई है। पीएम नरेंद्र मोदी बोले कि भगवान विश्वकर्मा को परम निर्माता और सबसे महान वास्तुकार माना जाता है। उनकी मूर्तियों में उन्हें तरह-तरह के औजार पकड़े हुए देखा जाता है। हमारे समाज में औजारों की मदद से अपने हाथों से कुछ बनाने वालों की समृद्ध परंपरा रही है।
After the announcement of PM Vishwakarma Kaushal Samman, there were extensive discussions, newspapers & economice experts took note of it. The mere announcement has become a centre of attraction: PM Modi at the post-budget webinar on ‘PM Vishwakarma Kaushal Samman (PM VIKAS)’ pic.twitter.com/PAwY7j64oE
— ANI (@ANI) March 11, 2023
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