धर्म-अध्यात्म

चामुंडापुरी में श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति

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कृष्ण-सुदामा मित्रता प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

देवास। वृंदावन के कथावाचक पं. कृपासिंधुदास महाराज ने कथा में भगवान कृष्ण एवं सुदामा की मित्रता का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि दुर्वाषा मुनि द्वारा सुदामाजी की माताजी को दिये गये श्राप कि जो भी ये चने खायेगा दरिद्र हो जायेगा। सुदामा जी ने वो चने स्वयं ही खाये थे उनके मित्र श्रीकृष्ण को नहीं खाने दिये। पूजन कार्य पं. गजेन्द्र शास्त्री एवं योगेश जोशी ने किया।

कथा में भगवान श्रीकृष्ण एवं भागवतजी की आरती मुख्य अतिथि बीएनपी देवास के मुख्य महाप्रबंधक केएन महापात्रा, नगर निगम के अध्यक्ष रवि जैन द्वारा की गई। मुख्य यजमान कैलाश पंडित, ओम जोशी, राजेन्द्र पंडित, घनश्याम पंडित, प्रतीक पंडित, आशीष जोशी थे। कथा की व्यवस्था विक्रमसिंह चौधरी, प्रहलाद भावसार, मनोहरसिंह ठाकुर, जगदीश कानूनगो, यश राठौर मदनलाल जैन, मोहित पंड्या, देवकरण कारपेन्टर आदि ने देखी। बीएनपी ब्रह्मबन्धुत्व संस्था की ओर से चन्द्रशेखर दुबे, महेन्द्र शर्मा, रघुनंदन शास्त्री आदि ने कथावाचक पं. कृपासिंधु महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा पश्चात पंडित परिवार की ओर से भंडारा हुआ। संचालन जगदीश कानूनगो ने किया। उपरोक्त जानकारी अशोक चौबे ने दी।

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