इंदौर की दिव्यांग पूजा गर्ग तिरंगे संग पहुंची ऊंचाइयों तक

इंदौर। इंदौर की दिव्यांग बेटी पूजा गर्ग ने अनेक इतिहास रचे हैं। वह 2025 एशियन पैरा कैनो चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली और विश्व की पहली पैराप्लेजिक महिला बनी है।
अपने हौसलों से उसने 4,500 किमी की बाइक यात्रा कर दुर्गम माने जाने वाले सामरिक और ऐतिहासिक महत्व के नाथुला पास पर तिरंगा फहराकर अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है।
नाथुला पास, समुद्र तल से लगभग 14,140 फीट की ऊँचाई पर, भारत-चीन सीमा पर स्थित सिक्किम का एक सामरिक और ऐतिहासिक दर्रा है, जहाँ मौसम की कठिन परिस्थितियों और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों को पार करना किसी भी यात्री के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। दिव्यांग पूजा ने अपने हौसलों और जज्बे के साथ इस दुर्गम मार्ग को पार कर यह साबित किया कि दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे कोई बाधा अजेय नहीं।
पूजा का मानना है कि सच्चा सम्मान केवल मेडल से नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए किए गए योगदान से मिलता है। आज “हर घर तिरंगा – हर घर स्वच्छता अभियान” के तहत उनकी प्रेरक कहानी हमें यह संदेश देती है कि “जैसे उन्होंने कठिन रास्तों को पार कर तिरंगा ऊँचा किया, वैसे ही हम अपने घर, मोहल्ले और देश को स्वच्छ बनाकर तिरंगे की गरिमा बढ़ा सकते हैं।”
अपने “पंखों की उड़ान” फाउंडेशन और Love Candle पहल के माध्यम से पूजा दिव्यांगजनों, महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं। उनका संकल्प साफ है कि “असली आज़ादी तभी है, जब हर घर में तिरंगा लहराए और हर गली-कूचा स्वच्छता की खुशबू से महके।”



