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    राम नवमी 2025: पूजा विधि और धार्मिक महत्व की सम्पूर्ण जानकारी

    ByNews Desk

    Apr 5, 2025
    Ram navami
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    राम नवमी हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और प्रमुख पर्व है, जो भगवान श्रीराम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है और यही दिन चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन भी होता है। इस दिन अयोध्या में भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्म हुआ था।

    राम नवमी का धार्मिक महत्व:
    राम नवमी को धर्म, सत्य और मर्यादा के प्रतीक भगवान श्रीराम के जन्म के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व यह संदेश देता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, धर्म और अच्छाई की जीत निश्चित है। श्रीराम का जीवन हमें संयम, कर्तव्य और आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

    राम नवमी की पूजा विधि:

    1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

    2. घर के पूजा स्थल को साफ़ करें और भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

    3. कलश की स्थापना करें और व्रत का संकल्प लें।

    4. धूप, दीप, चंदन, फूल और नैवेद्य से भगवान की पूजा करें।

    5. रामायण या राम चरित मानस का पाठ करें।

    6. “ॐ श्री रामाय नमः” मंत्र का जाप करें।

    7. दोपहर में श्रीराम जन्मोत्सव मनाएं – शंख, घंटी और जयघोष के साथ भगवान श्रीराम का स्वागत करें।

    8. जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दान दें।

    अयोध्या में राम नवमी का विशेष आयोजन:
    अयोध्या में यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। लाखों श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान कर राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। भव्य झांकियां, कीर्तन, और रामलीला का आयोजन होता है।

    राम नवमी व्रत का महत्व:
    राम नवमी का व्रत भक्तों को मानसिक शांति, इच्छित फल और मोक्ष की प्राप्ति कराता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों द्वारा रखा जाता है जो संतान सुख, स्वास्थ्य या जीवन में शांति की कामना करते हैं।

    ज्योतिषाचार्य नितिन मूंदड़ा का कहना है,
    राम नवमी केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव भी है जो हमें जीवन में सच्चाई, नैतिकता और आदर्शों के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। राम नवमी 2025 के अवसर पर हम सब भी भगवान श्रीराम के चरित्र से सीख लेकर अपने जीवन को बेहतर बनाने का संकल्प लें।