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    सत्संग से संवरता जीवन, शिव भक्ति से मिलता है मोक्ष

    ByNews Desk

    Feb 18, 2025
    Shiv mahapuran katha
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    लोहारदा (दिनेशचंद्र पंचोली)। भगवान शिव की भक्ति से जीवन सफल बनता है और सत्संग से आत्मा शुद्ध होती है। बिना सत्संग के मनुष्य परम पद को प्राप्त नहीं कर सकता। जहां भी सत्संग और शिव महापुराण कथा हो, वहां जाना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यही वह दिव्य मार्ग है जो हमें भवसागर से पार कराता है।

    यह प्रेरणादायक प्रवचन मालाखड़ सरकार में संत श्यामानंद पुरी महाराज के सानिध्य में चल रही महाशिवपुराण कथा के छठे दिवस में भागवताचार्य पं. दिलीप शर्मा मुहाईजागीर ने दिया। उन्होंने सैकड़ों भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन अनेक जन्मों के पुण्य उदय होने पर प्राप्त होता है। इसलिए इसे भक्ति, सत्कर्म और शुभ आचरण से संवारना ही हमारा परम कर्तव्य है।

    शिव महापुराण कथा सुनने से मिटते हैं पाप-
    पं. दिलीप शर्मा ने कहा कि शिव महापुराण की कथा सुनने मात्र से जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य पवित्रता की ओर अग्रसर होता है। शिवजी की आराधना से व्यक्ति सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की ओर बढ़ता है। जो व्यक्ति श्रद्धा और प्रेम से भगवान शिव की भक्ति करता है, उसे कभी किसी प्रकार का भय या दुख नहीं सताता।

    सनातन परंपरा का अनुसरण ही शिव भक्ति का सार-
    उन्होंने सनातन धर्म के आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि ब्रह्मचर्य का पालन करना, सत्य बोलना, सभी का सम्मान करना और अहिंसा का मार्ग अपनाना ही सच्ची शिव भक्ति है। जो व्यक्ति इन मूल्यों को अपनाता है, वह शिव कृपा का पात्र बनता है। सत्संग से आत्मा जागृत होती है, मन शुद्ध होता है और सांसारिक दुखों का अंत होता है।

    शिव महापुराण कथा

    भक्तों की उमड़ी भीड़- कथा के दौरान भजन-संकीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालु झूम उठे। “बम बम भोले” के जयकारों से वातावरण शिवमय हो गया। उपस्थित भक्तों ने कथा के महत्व को समझते हुए इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

    इस अवसर पर समाजसेवी नंदकिशोर बालदी, बंशीलाल भूतड़ा, शिवप्रसाद राठौर, दिनेशचंद्र पंचोली, डॉ. लोकेंद्र जोशी, हेमंत सीरा, नरेंद्र मूंदड़ा, राजू वत्स, भजन गायक शिव मीणा, मनोज तापड़िया सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।

    शिव भक्ति से ही कल्याण संभव-
    शिव महापुराण कथा के माध्यम से महाराज श्री ने कहा, कि जो व्यक्ति शिवशंकर की शरण में आता है, उसका उद्धार निश्चित होता है। जो प्रेमपूर्वक उनकी आराधना करता है, वे उसे समस्त कष्टों से मुक्त कर देते हैं। “ॐ नमः शिवाय” का निरंतर जाप करने और सत्संग में सम्मिलित होने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।