धर्म-अध्यात्म

युवा कृषक राजपूत ने भागवताचार्य पं. दुबे का सम्मान कर लिया आशीर्वाद

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श्रीमद भागवत महापुराण जीवात्मा को परमात्मा से जोड़ने का माध्यम- पं. दुबे

देवास। ग्राम छोटी चुरलाई स्थित राजपूत धर्मशाला में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। पं. शुभम दुबे (अरण्या वाले) अपनी ओजस्वी वाणी से श्रीमद्भागवत कथा का वाचन कर रहे हैं। प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु इस आध्यात्मिक आयोजन में शामिल होकर कथा का रसास्वादन कर रहे हैं।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन से सम्मानित युवा कृषक धर्मेंद्रसिंह राजपूत ने पं. शुभम दुबे का पुष्पमाला से अभिनंदन किया और उनके श्रीचरणों में आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री राजपूत ने कहा, कि धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए ऐसे धार्मिक आयोजनों की अत्यंत आवश्यकता है। श्रीमद्भागवत कथा केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाला ग्रन्थ है। हम सभी को अपने जीवन में धार्मिक आयोजनों को प्राथमिकता देनी चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित की जा रही है।

पं. दुबे ने अपने प्रवचन में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा, कि श्रीमद्भागवत महापुराण जीवात्मा को परमात्मा से जोड़ने का माध्यम है। जब व्यक्ति भगवान की कथा को श्रवण करता है, तब उसके जीवन के समस्त दुःख समाप्त हो जाते हैं और वह परम आनंद की अनुभूति करता है। उन्होंने आगे कहा, कि कलियुग में श्रीकृष्ण नाम का संकीर्तन ही सबसे बड़ा साधन है। भगवान की भक्ति और सच्ची श्रद्धा से ही मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सकता है।

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