• Thu. Mar 13th, 2025 10:18:14 PM

कूप तालाब से तीसरी बार सिंचाई के लिए पानी छोड़ा, सैकड़ों किसानों के चेहरे खिले

ByNews Desk

Feb 14, 2025
Bagli news
Share

 

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। क्षेत्र की एकमात्र लघु सिंचाई परियोजना कूप तालाब इस साल पूरी तरह भर चुका है और इसका सीधा लाभ इलाके के सैकड़ों किसानों को मिल रहा है।

फरवरी के दूसरे सप्ताह में तालाब से तीसरी बार नहरों में पानी छोड़ा गया, जिससे चारबरड़ी, सेवनिया, बेहरी और बागली के 400 से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। खेतों में लहलहाती फसलें, बढ़ता जलस्तर और किसानों की बढ़ती उम्मीदें, यह सब कूप तालाब की जल शक्ति का परिणाम है।

तीन पंचायतों के किसानों को सीधा फायदा-
तालाब से छोड़ा गया पानी नहरों के माध्यम से सीधे चारबरड़ी, सेवनिया और बेहरी ग्राम पंचायतों तक पहुंच रहा है। इन इलाकों के किसान सिंचाई में इस जल का उपयोग कर अपनी फसल को मजबूती दे रहे हैं। इसके अलावा, बागली क्षेत्र के किसानों को भी इसका लाभ मिल रहा है।

तालाब के जलस्तर में वृद्धि के कारण आसपास के खेतों का भूमिगत जल स्तर भी ऊपर आ गया है। इस बदलाव से न केवल किसानों के हैंडपंप, कुएं और ट्यूबवेल भरपूर पानी दे रहे हैं, बल्कि आने वाले समय में भी सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध रहने की संभावना बढ़ गई है।

पानी बर्बाद न करें, हर बूंद कीमती-
तालाब से छोड़े जा रहे पानी की निगरानी कूप तालाब के पूर्व अध्यक्ष जेपी पहलवान स्वयं कर रहे हैं। वे किसानों से अपील कर रहे हैं कि वे पानी का बुद्धिमानी से उपयोग करें और व्यर्थ न बहने दें। इसके लिए ड्रिप इरिगेशन और फव्वारा सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इस जल का लाभ मिल सके।

अगर नर्मदा का जल मिले तो बदल सकता है क्षेत्र का भाग्य-
कूप तालाब के पूर्व अध्यक्ष जेपी पहलवान का कहना है, कि अगर कुप तालाब को नर्मदा जल परियोजना से जोड़ा जाए, तो इस क्षेत्र की सिंचाई समस्या पूरी तरह खत्म हो सकती है। नर्मदा जल आने से तालाब सालभर भरा रहेगा और किसानों को हर मौसम में पर्याप्त सिंचाई सुविधा मिलेगी। यह कदम क्षेत्र की कृषि उत्पादकता को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकता है।

गेहूं की अच्छी फसल से किसान उत्साहित-
इस बार अच्छी बारिश और तालाब से सिंचाई सुविधा मिलने के कारण किसानों की गेहूं की फसल शानदार स्थिति में है। खेतों में लहलहाती फसलें देखकर किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं। बेहरी और आसपास के क्षेत्र की मिट्टी अत्यंत उर्वरक और उपजाऊ है, जिससे यहां अन्य इलाकों की तुलना में कहीं अधिक फसल उत्पादन होता है।

जल संरक्षण जरूरी-
भोजराज दांगी, बालाराम दांगी, हरि नारायण पाटीदार, शोभाराम मालवीय, राहुल दांगी, रतन बागवान व गोलू पाटीदार आदि किसानों का कहना है, कि यदि तालाब की समय-समय पर सफाई और गहरीकरण किया जाए तथा जल संरक्षण के बेहतर उपाय अपनाए जाएं, तो आने वाले वर्षों में यह तालाब और भी अधिक उपयोगी साबित हो सकता है। अगर इस तालाब को नर्मदा परियोजना से जोड़ा जाए और जल संरक्षण उपायों को सख्ती से लागू किया जाए, तो आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र एक उत्पादक कृषि हब के रूप में विकसित हो सकता है।