पवित्र भाव से बनाया भोजन संतुष्टि देता है

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bhagvat katha

ग्राम गोलाई में श्रीमद भागवत कथा में पं. सुरेंद्र बिल्लौरे ने दिए अनुकरणीय संदेश

देवास। घर में अतिथि आता है तो उसका स्वागत-सत्कार करें। कोई भी अतिथि आया तो वह आपके यहां से प्रसन्न होकर जाए ऐसा प्रयास करें। अगर घर में दूध नहीं है तो प्रेम से पानी ही पिला दो। भोजन बनाते वक्त भाव पवित्र होने चाहिए। पवित्र भाव से बनाया भोजन सभी को संतुष्टि देता है। भाव से बनाए भोजन की सभी प्रशंसा करते हैं।

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यह विचार खंडवा जिले के ग्राम गोलाई में प्रजापति मोहल्ले में श्रीमद भागवत कथा के दौरान देवास के कथावाचक पं. सुरेंद्र बिल्लौरे ने व्यक्त किए। उन्होंने माता अनसुइया के चरित्र का प्रसंग भी सुनाया। उन्होंने नारी के गुणों की व्याख्या करते हुए कहा कि रूप में सुंदरता, पाक में पवित्रता, आंखों में शर्म, वाणी में नम्रता व अतिथि का सत्कार नारी के गुण हैं। इन गुणों से परिपूर्ण नारी का सभी जगह सम्मान होता है। नारी के ये गुण घर को स्वर्ग बनाते हैं।

उन्होंने कहा कि जो नारी पतिव्रता धर्म को पूर्ण निष्ठा के साथ निभाती है, उसे हर काम में विजय प्राप्त होती है। उसका तीनों लोकों में यश फैलता है। पतिव्रता धर्म में वो शक्ति जो यमराज से अपने पति के प्राण वापस ला सकती है। प्रजापति माेहल्ले में कथा प्रतिदिन दोपहर एक से शाम चार बजे तक की जा रही है। कथा की पूर्णाहुति एक अक्टूबर को होगी। आयोजक कविता गब्बरसिंह प्रजापति एवं समस्त प्रजापति परिवार ने श्रीमद भागवत कथा श्रवण कर धर्मलाभ लेने का अनुरोध श्रद्धालुओं से किया है।

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