देवास। पिछले 6 माह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार काम हो रहे हैं। वर्तमान में 12 प्रतिशत दाम कम हुए हैं, बावजूद ऑयल कंपनियां पेट्रोल-डीजल पर अत्यधिक मुनाफा कमाते हुए उनके दाम कम नहीं कर रही है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि कच्चे तेल के दाम 12 प्रतिशत तक कम हुए हैं। मार्च में कच्चे तेल की कीमत करीब 84 डॉलर प्रति बैरल थी। अभी इसकी कीमत करीब 68 डॉलर प्रति बैरल रह गई है। ऐसे में इसकी कीमत में अब तक प्रति बैरल 16 डॉलर यानी करीब 19 प्रतिशत की कमी आई है।
बात अगर एक सप्ताह की जाए तो इसमें करीब चार डॉलर की कमी देखने को मिली है। कच्चे तेल की कीमत गिरने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं आई है। इस कारण ऑयल मार्केटिंग और रिफायनिंग कंपनियों का मार्जिन बड़ा है। कंपनियों की कमाई पेट्रोल पर 15 रुपए और डीजल पर 12 रुपए प्रति लीटर बढ़ी है।
कांग्रेस ने कहा कि कच्चे तेल के दाम कम होने से पेट्रोल-डीजल पर 2 से 3 रुपए लीटर कम किए जा सकते हैं। चूंकि केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर मूल्य निर्धारित करने की जिम्मेदारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को दे दी है, जिससे इन कंपनियों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण नहीं रहा है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां भारी मुनाफा कमा रही है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम काम नहीं किया जा रहे हैं। इस कारण आम नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सरकार इस संदर्भ में दखल दे एवं कंपनियों को निर्देशित करें कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 12 प्रतिशत तक कम हुए हैं तो पेट्रोल-डीजल के दाम भी कम किए जाए।
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