धर्म-अध्यात्म

आत्मा के विकारों को ज्ञान मार्ग से ही हराया जा सकता है- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता

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देवास। गंगा दशहरे पर मिल रोड स्थित भोलेनाथ मंदिर गोशाला में कालानी बाग सेंटर की ब्रह्माकुमारी बहन प्रेमलता, मनीषा बहन, अपुलश्री बहन के सानिध्य में मां चामुंडा सेवा समिति प्रमुख रामेश्वर जलोदिया के नेतृत्व में समिति सदस्यों द्वारा गोमाता एवं परमात्मा शिव की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। ब्रह्माकुमारी बहन प्रेमलता ने अपने उद्बोधन में कहा गंगा, यमुना आदि कई नदियां हैं। ये नदियां भले ही शरीर को तो पवित्र करती है, पर्वतों से अनेक प्रकार की वनस्पतियों, औषधियों, धातु सत्वों इत्यादि को साथ बहा लाने के कारण इनके जल में कुछ शारीरिक रोग हरने की शक्ति भी हो सकती है, परंतु आत्मा के जो काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि रोग है अथवा इन विकारों के कारण आत्मा की जो अपवित्रता है, उनको परमपिता परमात्मा शिव ही के ज्ञान द्वारा हरा जा सकता है। इसलिए ही परमात्मा शिव को हरा अथवा पतित पावन कहा जाता है और ज्ञान ही के बारे में गीता में कहा गया है कि है वत्स संसार में पापों को हरने के लिए ज्ञान जैसी अन्य कोई वस्तु नहीं है। आत्मा के विकारों को ज्ञान मार्ग से ही हरा जा सकता है। शिव ही अनादि और शिव ही अनंत है। इस अवसर पर मां चामुंडा सेवा समिति के नरेंद्र मिश्रा, उम्मेदसिंह राठौड़, दिनेश सांवलिया, शशिकांत गुप्ता, राधेश्याम बोडाना, मंजू जलोदिया, हेमा बहन, दुर्गा व्यास, संगीता जोशी, ललिता सांवलिया आदि उपस्थित थे। संचालन रामेश्वर जलोदिया ने किया। आभार नरेंद्र मिश्रा ने माना।

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