– बिना पंजीयन के संचालित देखरेख संस्थाओं के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई होगी
देवास। महिला बाल विकास अधिकारी ने बताया, कि जिले में देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों को संरक्षण प्रदान करने के लिए संचालित सभी बाल देखरेख संस्थाओं का किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 41 के तहत पंजीयन होना अनिवार्य है। धारा 42 के तहत पंजीयन ना कराए जाने पर दंड का प्रावधान है।
जिले की बाल देखरेख संस्थाएं बगैर पंजीयन के संचालित ना हों। यदि बिना पंजीयन के देखरेख संस्थाएं संचालित हो रही हैं, तो वे पंजीयन के लिए अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप प्रस्ताव कार्यालय, जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग में प्रेषित करें। बिना पंजीयन के संचालित देखरेख संस्थाओं के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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