धर्म-अध्यात्म

Amarnath yatra जयकारों के बीच सायकिल से अमरनाथ यात्रा पर रवाना हुए आनंदसिंह ठाकुर

  • जब हुआ था आतंकी हमला तब सामने ही चली थी गोलियां

• वर्ष 1996 से निरंतर कर रहे अमरनाथ यात्रा, चार बार मोटर सायकल से कर चुके है यात्रा

• आतंकी हमलों से लेकर कोरोना तक कोई भी नहीं रोक सका ठाकुर का अमरनाथ यात्रा का सिलसिला

देवास। जय बाबा अमरनाथ बर्फानी भूखे को अन्न प्यासे को पानी का जयकारा से हर शिव भक्त भलीभांति परिचित है, खासकर बाबा अमरनाथ के भक्त। शहर में एक भक्त ऐसा है, जो हर वर्ष अपनी निरंतर बाबा अमरनाथ की यात्रा कर अपनी भक्ति का परिचय दे रहा है। हम बात कर रहे हैं बाबा अमरनाथजी बर्फानी के परमभक्त मां शिव शक्ति सेवा मंडल के सदस्य, एक सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रवादी कार्यकर्ता के रूप में अमिट पहचान बनाने वाले शहर के आनंदसिंह ठाकुर की, जो वर्ष 1996 से निरंतर बाबा अमरनाथ की यात्रा कर रहे हैं।

श्री ठाकुर हर वर्ष अमरनाथ की यात्रा तो करते ही हैं साथ में अन्य भक्त जो अमरनाथ जाते हैं उनकी हर प्रकार से सहायता भी करते हैं। श्री ठाकुर चार बार मोटर सायकल से अमरनाथ की यात्रा कर चुके हैं और इस वर्ष वह साइकिल से अमरनाथ यात्रा के लिए निकले हैं। श्री ठाकुर के सायकिल से अमरनाथ यात्रा पर रवाना होने के अवसर पर मां शिव शक्ति सेवा मंडल के सदस्यों एवं उनके ईष्टमित्रों ने उन्हें साफा व हार पहनाकर, दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया।

1996 से निरंतर कर रहे अमरनाथ यात्रा-

शहर के ठाकुर वर्ष 1996 से निरंतर अमरनाथ यात्रा कर रहे हैं। बीच में कुछ वर्ष ऐसे भी आए जिनमें यात्रा की परिस्थिति अच्छी नहीं थी, परंतु ठाकुर के दृढ़ संकल्प के सामने वह कुछ भी नहीं थी, कठिन से कठिन परिस्थितियों, प्राकृतिक एवं मानवीय आपदा काल भी आपकी अमरनाथ धाम की अनवरत पवित्र यात्रा को रोक नहीं पाया। अमरनाथ यात्रा को कई बार आतंकियों ने निशाना बनाया, एक बार तो जब आतंकी हमला हुआ था, उस समय ठाकुर उनके अन्य साथी वही मौजूद थे। आतंकियों एवं सेना में मुठभेड़ चली गोलीबारी भी हुई जिसके बाद सेना ने आतंकियों को मार गिराया था। जिसके बाद शुरू हुई यात्रा में ठाकुर ने उनके साथियों के साथ बाबा अमरनाथ के दर्शन किए। अमरनाथ पर आतंकी हमले हुए लेकिन ठाकुर के अमरनाथ यात्रा पर जाने का सिलसिला नहीं रुका।

वही वर्ष 2020 व 2021 जब वैश्विक संकट कोरोना काल था तब भी वह नहीं रुके और अमरनाथ यात्रा पर जाने का फैसला किया। वर्ष 2020 में वह पठानकोट तो वर्ष 2021 में वह यात्रा के दौरान बालटाल तक ही जा सके थे। वर्ष 2022 में फिर वह यात्रा पर निकले और यात्रा पूरी की। श्री ठाकुर बताते है, जब तक उनकी सांसे चलती रहेंगी और शरीर साथ देगा, तब तक वह बाबा अमरनाथजी की पवित्र यात्रा करते रहेंगे।                                                     

पूरी यात्रा करते है पैदल-

कठिन यात्राओं में से एक यात्रा में अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए दो मार्ग निर्धारित है। एक पहलगाम से दूसरा बालटाल से। पहलगाम से पवित्र अमरनाथ गुफा की दूरी 48 किलोमीटर, वही बालटाल वाले मार्ग से पवित्र अमरनाथ गुफा की दूरी 14 किलोमीटर यात्रा के दौरान अनेक साधन एवं संसाधन वहा उपलब्ध रहते हैं, परंतु परिस्थिति कैसी भी हो वह उनका उपयोग न करते हुए की पूरी यात्रा पैदल ही करते हैं।

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