खेत-खलियान

गंगा दशमी पर किसानों ने की प्रतीक बोवनी

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बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। गंगा दशमी पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि कृषि परंपराओं के आधार से भी अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। परंपरागत रूप से यह दिन किसानों के लिए “मुहूर्त बोवनी” का प्रतीक रहा है। ग्रामीण अंचलों में आज भी गंगा दशमी पर खेतों में बीज डालकर प्रतीकात्मक रूप से फसल की शुरुआत की जाती है, जिसे शुभ और सौभाग्यदायक माना जाता है।

इस वर्ष गंगा दशमी से पहले ही क्षेत्र में समय से पहले और पर्याप्त बारिश होने के कारण किसानों ने खेतों को बखर (जुताई) कर तैयार कर लिया है। कई जगहों पर सोयाबीन, मूंगफली, उड़द और मक्का जैसी खरीफ फसलों की बुआई भी शुरू कर दी गई है।

ग्राम के वरिष्ठ किसान और पूर्व सरपंच सिद्धनाथ सावनेर, देवकरण पिंडोरिया तथा किसान संघ सदस्य जुगल पाटीदार ने बताया कि उन्होंने अपने बचपन से ही गंगा दशमी पर बोवनी की परंपरा देखी और सीखी है। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है। गंगा दशमी पर प्रतीकात्मक बोवनी करना केवल परंपरा नहीं, बल्कि खेती के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से भी एक शुभ शुरुआत मानी जाती है।

आधुनिकता ने दी गति और सुविधा-
वहीं कृषि विज्ञान और तकनीक से जुड़े डॉ. संतोष चौधरी का कहना है कि अब खेती के तौर-तरीके पूरी तरह बदल चुके हैं। ट्रैक्टर जैसे आधुनिक उपकरणों के माध्यम से किसान खेतों की तैयारी एक महीने पहले ही कर लेते हैं, जिससे बारिश का पानी सीधे ज़मीन में समाहित होकर मिट्टी को उपजाऊ बनाता है।

पहले के समय में जब बैल की जोड़ी और हाथ से खेतों की जुताई होती थी, तब बड़े खेतों की बुआई में एक महीना तक लग जाता था। गंगा दशमी पर प्रतीक बोवनी की परंपरा उसी आवश्यकता से जन्मी थी। परंतु अब आधुनिक मशीनों से काम तेजी से होने लगा है, जिससे बड़े खेतों की बुआई भी कुछ ही दिनों में पूरी हो जाती है।

खरपतवार नियंत्रण में भी सुधार-
पहले खरपतवार नियंत्रण के लिए किसान परिवार के सभी सदस्य खेतों में हाथों से निराई-गुड़ाई करते थे, जो अत्यंत श्रम वाला होता था। आज आधुनिक औजारों और रसायनों के कारण यह काम भी आसान हो गया है।

अब भी मौसम पर निर्भर है खेती-
हालांकि आधुनिक तकनीक और संसाधनों के बावजूद खेती पूरी तरह प्रकृति के अनुकूल ही चलती है। अच्छी फसल के लिए समय पर वर्षा आवश्यक है। यदि मानसून सक्रिय नहीं हुआ, तब भी परंपरागत विश्वास के अनुसार किसान गंगा दशमी को शुभ मानकर कम से कम प्रतीक बोवनी अवश्य करते हैं।

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