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चेन्नई: तमिलनाडु के कई इलाकों में बिहार के मजदूरों के साथ हुई कथित मारपीट को लेकर बवाल हो रहा है। लेकिन सामने यह आया कि, यह ख़बरें झूठी थी। सोशल मीडिया पर प्रसारित फर्जी खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कोयम्बटूर के जिला कलेक्टर ने कहा कि, गलत सूचना फैलाई जा रही है।तिरुपुर जिला कलेक्टर एस विनीत ने कहा कि, बिहार सरकार के अधिकारियों के एक दल ने आज तिरुपुर का दौरा किया। उन्होंने एसोसिएशन के सदस्यों, श्रमिक संघों और अन्य यूनियनों सहित सभी हितधारकों के साथ चर्चा की है।
समस्याओं के कारण नहीं, होली मनाने के लिए जा रहे हैं लोग: कलेक्टर
कलेक्टर ने यह भी कहा कि, हमने दिखाया है कि मीडिया के विभिन्न सर्किल में कैसे फर्जी खबरें प्रसारित की जाती हैं। हमने यह देखने के लिए उचित कदम उठाए हैं, जिसके कारण लोग घबराएं नहीं और वे डरना बंद कर दे। त्रिपुर जिला कलेक्टर ने यह भी कहा कि, कुछ समाचार प्रसारित किए गए कि अधिकांश लोग समस्याओं के कारण जा रहे हैं। मैं बताना चाहूंगा कि उनमें से ज्यादातर होली मनाने के लिए जा रहे हैं।
Tamil Nadu | Certain news was circulated that most people are leaving due to problems. I would like to point out that most of them are leaving for Holi celebrations: S Vineeth, Trippur District Collector pic.twitter.com/idVuixNAxM
— ANI (@ANI) March 5, 2023
फर्जी खबर फैलाने वाले चैनलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज : एसपी शशांक साय
एसपी शशांक साय ने कहा कि, जिला पुलिस प्रशासन ने शहर के पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर फर्जी समाचार सामग्री फैलाने वाले मीडिया संस्थानों और चैनलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। जिला पुलिस के साइबर क्राइम थाने में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि, जांच से ही पता चलेगा कि कोई बड़ी तस्वीर है या नहीं। हमारे लिए टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। जिला प्रशासन 30,000 प्रवासी श्रमिकों या अतिथि श्रमिकों तक पहुंच बना रहा है जो जागरूकता शिविरों के साथ तिरुपुर में काम कर रहे हैं।
सभी खबरें झूठी: प्रवासी मजदूर
बिहार एसोसिएशन (तमिलनाडु) ने चेन्नई में कथित हमलों की अफवाहों के बीच बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ बैठक की। एक प्रवासी मजदूर ने कहा, “सभी खबरें झूठी हैं। हम लोग यहां अच्छे से रह रहे हैं और काम कर रहे हैं। जो वीडियो वायरल हो रहा है वो पुराना है इसलिए सब डर गए हैं।”
तमिलनाडु में बिहार के दो प्रवासी श्रमिकों की मौतें खबरें वायरल हुई थी। वहीं, मीडिया संस्थानों ने दावा किया था कि, इन्हें स्थानीय लोगों द्वारा मारा गया। लेकिन यह ख़बरें झूठी और मनघडंत निकली। फैक्ट चेकर AltNews के मुताबिक, झारखंड के उपेंद्र धारी ने कथित तौर पर पवन यादव की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। दोनों आरोपी और पीड़ित तिरुपुर में पड़ोसी थे। उपेंद्र को बाद में झारखंड से गिरफ्तार किया गया था।
हत्या और तमिल-बिहार झूठी कहानी से कोई संबंध नहीं
AltNews ने पवन यादव के भाई नीरज यादव से बात की। उन्होंने कहा कि झारखंड के आरोपी उपेंद्र धारी को शक था कि उसकी पत्नी और पवन के बीच अवैध संबंध हैं, इसलिए उसने पवन को चाकू मार दिया। उन्होंने कहा कि हत्या और तमिल-बिहार झूठी कहानी से कोई संबंध नहीं है।
आत्महत्या का मामला है न कि हत्या का
वहीं, दूसरी घटना में मोनू दास की हत्या नहीं बल्कि उसने आत्महत्या की थी। मोनू कुमार दास के बड़े भाई सोनू दास और तुलसी दास के वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि, वह अंदर से दरवाजा बंद कर पंखे से लटके मिले। ऑल्ट न्यूज़ ने कृष्णागिरी जिले के एसपी सरोज कुमार ठाकुर से बात की। उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या का मामला है न कि हत्या का। जब वह पंखे से लटका मिला तो पड़ोसियों और जमीन के मालिक को दरवाजा तोड़ने के लिए बुलाया गया और उन्होंने बाद में पुलिस को सूचित किया।
Here are video statements of Monu Kumar Das’s elder brothers Sonu Das and Tulsi Das. According to them he was found hanging from a ceiling fan by locking the door from inside. pic.twitter.com/HLLSxjygJs
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 4, 2023
फर्जी वीडियो प्रसारित किया गया
उल्लेखनीय है कि, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें बिहार के प्रवासी मजदूरों को बेरहमी से पीटा जा रहा था। इसे लेकर बिहार के सीएम ने ट्विटर प्रवासियों की सुरक्षा पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। जिसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया कि बिहार के मजदूरों को मारे जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर जो वीडियो चल रहा था, वह फर्जी था।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए, तमिलनाडु के डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने कहा, “बिहार में किसी ने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमले के बारे में एक झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया है। घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित दो वीडियो झूठे हैं। वीडियो के तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है ताकि ऐसा लगे कि तमिलनाडु में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया जा रहा है।”
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