धर्म-अध्यात्म

जिले की सबसे बड़ी धार्मिक रसोई जटाशंकर में

Share

बागली (हीरालाल गोस्वामी)। वर्तमान में शिवरात्रि पर्व से लेकर पूर्णाहुति कार्यक्रम तक बागली के प्रसिद्ध जटाशंकर तीर्थ स्थल पर धार्मिक अनुष्ठान और मेले का आयोजन चल रहा है।

यहां पर दूरदराज से संत-महंत का आगमन निरंतर जारी है। जटाशंकर महंत बद्रीदासजी महाराज बताते हैं, कि दूर-दूर से आए संत महात्मा खाकी अखाड़े के अनुयायी होने के साथ-साथ बड़े-बड़े मंदिरों से जुड़े हैं। अभी तक गुजरात, राजस्थान और अन्य स्थानों से यहां पर संत-महंत आ चुके हैं। इसी स्थान पर जिले की सबसे बड़ी धार्मिक रसोई भी वर्तमान में संचालित हो रही है। महात्मा अयोध्यादास महाराज बताते हैं कि शिवरात्रि पर्व के 1 दिन पूर्व से यहां पर भोजन भंडारा आरंभ हुआ जो, पूर्णाहुति के 1 दिन बाद तक चलेगा। प्रतिदिन 5 से 7 हजार श्रद्धालु, जिसमें मेले में आए दुकानदार सहित क्षेत्र के अन्य श्रद्धालु शामिल रहते हैं, सभी दोनों समय भोजन प्रसादी लाभ लेते हैं। अंतिम दिन यह संख्या 70 हजार से 80 हजार तक पहुंच जाती है। मोटे अनुमान के अनुसार सात दिवस में 2 लाख से अधिक श्रद्धालु भोजन कर लेते हैं। यह सब दिवंगत ब्रह्मलीन संत 1008 केशवदासजी महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति और आशीर्वाद से संपन्न होता है। उनका नारा था अन्न दान महादान तभी से भंडारा आयोजन प्रथा आरंभ हुई है। यहां पर भोजन अभी भी परंपरागत विधि से कंडे और लकड़ी के उपयोग से पकाया जाता है। प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु श्रमदान करते हैं। माना जाता है कि 7 दिन तक चलने वाली यह धार्मिक रसोई जिले की सबसे बड़ी रसोई है। भोजन प्रसादी के साथ-साथ फलाहारी भी बनाया जाता है। दूध, चाय, नाश्ता भी दिनभर चलता रहता है। यह सब महंत केशव दास जी का आशीर्वाद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button