प्रशासनिक

अगर हम सावधानी नहीं रखेंगे तो साइबर क्राइम की चपेट में आ जाएंगे

– साइबर क्राइम बहुत तेजी से बढ़ रहा है, इससे बचने के लिए जागरूकता रखें- एडीजीपी डॉ कपूर

– ओजस्वी अभियान के तहत एडीजीपी डॉ. वरुण कपूर ने दी साइबर क्राइम एवं साइबर सिक्योरिटी के संबंध में जानकारी

देवास। आज के दौर में साइबर क्राइम बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। इसके लिए हमें हमेशा सजग और जागरूक रहना होगा। यदि हम सोशल साइट एवं सोशल नेटवर्किंग का उपयोग सावधानी और जागरूकता पूर्ण नहीं करेंगे तो हम भी साइबर क्राइम के चपेट में आ जाएंगे। इसलिए सभी को सावधानी रखना जरूरी है।

यह बात अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मध्यप्रदेश डॉ वरुण कपूर ने महारानी पुष्पमालाराजे पवार शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज देवास के ऑडिटोरियम हॉल में साइबर अपराधों से सुरक्षा विषय पर आयोजित कार्यशाला में कही। इस दौरान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्यायाधीश निहारिका सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह, सीएसपी विवेकसिंह चौहान, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर खुशाल सहित सभी शासकीय एवं प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्यगण एवं अन्य वरिष्ठजन उपस्थित थे।

कार्यशाला में एडीजीपी डॉ. कपूर ने कहा कि आज के दौर में हम दो तरह का जीवन जीते हैं, पहला वास्तविक तथा दूसरा वर्चुअली (सोशल साइट) होता है। वास्तविक जीवन में तो अपने दोस्त और शत्रु को पहचान सकते हैं लेकिन वर्चुअली जीवन में हम अपने दोस्त, परिचित एवं शत्रुओं को नहीं पहचान सकते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध करने वाला अपराधी हमें दिखाई नहीं देता तथा साइबर क्राइम का खतरा दिखाई नहीं देता है। कोई भी फेक न्यूज एवं कंटेन की सत्यता जानने के बाद ही उसे शेयर या लाइक या कंमेंटस करें। व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी ऐसे ही ना दें उसे सुरक्षित रखें।

कार्यशाला में एडीजीपी डॉ. कपूर ने कहा कि भारत में लगातार साइबर क्राइम बढ़ रहा है। इसके बचाव के लिए साइबर सिक्योरिटी ही जरूरी है। साइबर क्राइम को शिकार से बचाव के लिए हमेशा खुद सावधानी रखें तथा जागरूकतापूर्वक उपयोग करें। साइबर वर्ल्ड से आप स्वयं ही अपनी सजगता से खुद को बचा सकते हैं। सुरक्षा को एक आदत बना लें। वर्चुअल वर्ल्ड में किसी भी प्रकार की गलती ना करें। साइबर क्राइम का सबसे पहला कारण साइबर बुलीइंग होता है। इससे बचने के लिए इसमें आप किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया ना दें। ऑनलाइन गेमिंग से बहुत नुकसान हो रहा है। जिसका शिकार युवा पीढ़ी हो रही है। अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी ऐसे ही ना दें उसे सुरक्षित रखें। साइबर क्राइम से बचने के लिए किसी भी फ्रेंड रिक्वेस्ट, ईमेल, मैसेज मिसकाल जो बार-बार आते हैं उसके प्रति आप सजग रहे। साइबर वर्ल्ड में किसी पर भी एकदम से भरोसा ना करें।

साइबर क्राइम से बचने के लिए शॉर्टकट को ना अपनाएं-

कार्यशाला में एडीजीपी डॉ. कपूर ने कहा कि साइबर क्राइम बहुत तेजी से बढ़ रहा है, इससे बचने के लिए जागरूकता रखें। अपने लिए सुरक्षा की एक मानसिकता बनाएं। लालच से बचें कभी भी शॉर्टकट को ना अपनाएं, अपने विवेक का इस्तेमाल करें। कभी भी जानकारी शेयर करने में जल्दबाजी ना करें अपने पास अधिक से अधिक जानकारी रखें। उन्होंने कहा कि मोबाइल हमारे साथ 24 घंटे रहता है इससे आजकल क्या कुछ नहीं हो सकता है। यह हमारे शरीर का पार्ट सा बन गया है। साइबर क्राइम के लिए यह एक माध्यम है। यह हमें दिखने वाले खतरों से अधिक खतरनाक साबित हो सकते हैं। यह एक वर्चुअल दुनिया का अपराध है जोकि उपकरण आधारित है। इससे बचने के लिए हमें अपनी मानसिकता को बदलना पड़ेगा। किसी भी मैटर को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता जाने। अब आप मोबाइल, लैपटॉप, पीसी चालू करते हैं तो मन में यह ख्याल रखें कि आप दूसरी दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं किसी भी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट ना करें।

अपना डिजिटल फूटप्रिंट अच्छा बनाए-

कार्यशाला में एडीजीपी डॉ. कपूर ने कहा कि सोशल साइट पर पोस्ट या शेयर करने के लिए अपना डिजिटल फूटप्रिंट अच्छा बनाए। आपका कंटेन अच्छा और प्रेरणादायी होना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि डिजिटल फूटप्रिंट गलत बनाने से समस्या खड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमेशा अवेयरनेस के साथ मॉनिटरिंग भी करें।

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