आपका शहरधर्म-अध्यात्म

जैन समाज का लघु कुंभ 7 अप्रैल से

 

– 1200 आराधक करेंगे नौ दिनी तप, 11 दिनों तक चलेगा श्री वीर विश्व जन्म अर्द्धशताब्दी महामहोत्सव

– कार्तिक मेला ग्राउंड पर 54 हजार वर्ग फीट में तैयार हुई क्षत्रिय कुंड नगरी, विभिन्न प्रदेशों से आएंगे समाजजन

– आयोजन में 100 से अधिक साधु-साध्वी जुटेंगे, म.प्र. सहित चार प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी निमंत्रण

उज्जैन। शिप्रा तट के समीप कार्तिक मेला मैदान पर 7 अप्रैल से 17 अप्रैल तक श्वेतांबर जैन समाज का लघु कुंभ लगेगा। मैदान पर 54 हजार वर्ग फीट में तैयार चार डोम पांडाल में धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। सकल जैन समाज की अगुवाई व श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी ट्रस्ट खाराकुआं के संयोजन में हो रहे श्री वीर विश्व जन्म अर्द्धशताब्दी महोत्सव के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की गई है।

मप्र शासन के राजकीय अतिथि आचार्यश्री विश्वरत्न सागर सूरिश्वरजी महाराज की निश्रा में आयोजन होगा, जिसमें 100 साधु-साध्वी भी जुटेंगे। इसके लिए आचार्यश्री का मंगल प्रवेश 6 अप्रैल को होगा। आयोजन के लिए मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया गया है।

आचार्य श्री विश्वरत्नसागर सूरिश्वरजी मसा के अर्द्धशताब्दी जन्म महोत्सव के उपलक्ष्य में इस बार नवपद ओली तप आराधना एवं प्रभु श्री महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक पर यह 11 दिवसीय महामहोत्सव आयोजित किया जा रहा है। श्रीपाल मैना सुंदरी की तपस्थली उज्जयिनी में पहली बार चैत्र मास की नवपद ओलीजी आराधना में 1200 आराधक यहां आराधना के लिए देशभर से जुटेंगे। जैन मान्यता अनुसार उज्जयिनी में ही महाराज श्रीपाल व मैना सुंदरी ने नवपद आराधना की थी, इससे उनका कुष्ठ रोग दूर हुआ था और खोया हुआ राजपाट उन्हें वापस प्राप्त हुआ था। इसी महत्व के चलते देशभर से समाजजन यहां नवपद आराधना के लिए आते हैं। महोत्सव संयोजक जयंतिलालजी जैन तेलवाला के अनुसार आयोजन के लिए समाज स्तर पर 25 समितियां गठित की गई है। जो बाहर से आने वाले आराधकों की आवास, आयंबिल, भोजन व्यवस्था के साथ पांडाल व महोत्सव संबंधी जिम्मेदारी संभालेंगे। आयोजन को लेकर मालवांचल के समग्र जैन समाज में अभूतपूर्व उत्साह है। कार्यक्रम में ख्यात संगीतकार नरेन्द्र वाणीगोता, त्रिलोक मोदी, राजीव विजयवर्गीय, विपीन पोरवाल, विनीत गेमावत, विक्की पारीख आदि की प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र रहेगी। आयोजन को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता में युवा मुनि श्री तीर्थरत्न सागरजी मसा, युवा प्रवचनकार मुनिश्री उत्तम रत्न सागरजी मसा ने महोत्सव की भूमिका बताते हुए विभिन्न विषयों पर पत्रकारों से संवाद किया। इस दौरान पेढ़ी ट्रस्ट अध्यक्ष सौरभ सिरोलिया, सचिव नरेंद्र जैन दलाल, जयंतीलाल जैन तेलवाला, कोषाध्यक्ष पारस हरणिया, ट्रस्टी संजय नाहर, प्रकाश नाहर, महोत्सव केंद्रीय समिति के अभय जैन भैया, प्रसन्न जैन, डॉ. राहुल कटारिया, पुनीत जैन, प्रितेश ओस्तवाल इंदौर, संजय जैन ख़लीवाला, सुशील जैन सहित अन्य समिति पदाधिकारी मौजूद रहे। संचालन डॉ. राहुल कटारिया ने किया व आभार प्रसन्न जैन ने माना।

ये होंगे प्रमुख कार्यक्रम-

6 अप्रैल- राजकीय अतिथि आचार्य देवेश श्री विश्ववरत्न सागर सूरीश्वर महाराज का साधु-साध्वी मंडल के साथ दौलतगंज स्थित कांच के जैन मंदिर से भव्य मंगल प्रवेश यात्रा।

7 अप्रैल- भव्य डोम पांडाल में निर्मित क्षत्रिय कुंड नगरी सहित सभी मंडपों का उद्घाटन।

8 अप्रैल- दो हजार स्कूली विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती महापूजन, तथा प्रतिक्रमण विधि को कंठस्थ करने वाले बच्चों का बहुमान।

9 अप्रैल- क्षत्रिय कुंड नगरी में बने मंदिर में 100 से अधिक औषधियों द्वारा प्रभु महावीर का शक्रस्तव महामस्तकाभिषेक व 1 हजार पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में पुलिस सम्मान कार्यक्रम।

10 अप्रैल- श्री सिद्धचक्र महापूजन, जिसमें 50 मांडले तैयार होंगे व सैकड़ों समाजजन पूजन में बैठेंगे। रात 8 बजे से विराट आध्यात्मिक कवि सम्मेलन।

11 अप्रैल- 251 जोड़ों के श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ अनुष्ठान व रात्रि में श्री पाश्र्व भैरव भक्ति।

12 अप्रैल- जैन एकता का शंखनाद, जिसमें सभी गच्छ समुदाय के आचार्यश्री का गुणानुवाद।

13 अप्रैल- सर्वधर्म संतोत्सव, जिसमें विभिन्न संप्रदाय के संत एक मंच पर होंगे। साथ ही धर्म संसद भी होगी। जिसमें विभिन्न प्रस्ताव रखे जाएंगे। दोपहर में महिला सम्मेलन। संध्या में एक शाम प्रभु महावीर के नाम कार्यक्रम।

14 अप्रैल- महावीर स्वामी जन्म कल्याणक महोत्सव व संध्या में स्टेज प्रोग्राम।

15 अप्रैल- महिला मंडल द्वारा महिला सांझी तपोत्सव व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां। संध्या में बाल नाट्य प्रस्तुति।

16 अप्रैल- अर्द्ध जन्म शताब्दी अंतर्गत तीन किलोमीटर लंबी विराट रथयात्रा। जिसमें 50 महिला मंडल, 50 घोडे, 7 बैंड, हाथी, चांदी का रथ, बग्गी सहित अन्य तरह की भव्यता रहेगी।

17 अप्रैल- गुरुभक्ति का संगीतमय आयोजन व गुरु जन्मोत्सव गुणानुवाद सभा के साथ ही महामहोत्सव का समापन होगा।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button