देवास की अंतरराष्ट्रीय जूजुत्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम ने की आत्महत्या

– खेल जगत में शोक की लहर
देवास। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाने वाली देवास की जूजुत्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम (35 वर्ष) ने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना ने पूरे खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं और कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाली यह प्रतिभाशाली खिलाड़ी अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार सुबह अर्जुन नगर, राधागंज क्षेत्र स्थित उनके आवास की है। उनकी छोटी बहन रोशनी कलम ने देखा कि रोहिणी का शव फंदे पर लटका हुआ है। परिजन तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना के समय उनकी मां अपनी एक अन्य बेटी के साथ मंदिर दर्शन के लिए बाहर गई हुई थीं, जबकि पिता भी किसी कार्य से घर से बाहर थे। परिजनों ने बताया कि सुबह सबकुछ सामान्य था। रोहिणी ने परिवार के साथ चाय-नाश्ता किया और किसी से फोन पर बातचीत भी की थी, जिसके बाद वह अपने कमरे में चली गईं और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।
कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, पुलिस ने शुरू की जांच-
घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। आत्महत्या के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक दृष्टि में यह मामला मानसिक तनाव या निजी कारणों से जुड़ा हो सकता है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
चार बहनों में सबसे बड़ी थीं रोहिणी-
रोहिणी कलम चार बहनों में सबसे बड़ी थीं। वह वर्तमान में आष्टा के एक निजी स्कूल में मार्शल आर्ट कोच के रूप में कार्यरत थीं। शनिवार को ही वह देवास स्थित अपने घर आई थीं।
देश के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते-
रोहिणी कलम ने भारत का प्रतिनिधित्व एशियाई खेलों (हांगझोऊ, चीन) में किया था और थाईलैंड ओपन ग्रैंड प्रिक्स 2022, बैंकॉक में 48 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने 8वीं एशियाई जु-जित्सु चैंपियनशिप 2024, अबू धाबी में युगल क्लासिक स्पर्धा में कांस्य पदक, अबू धाबी में अंतरराष्ट्रीय जुजुत्सु प्रतियोगिता 2023 में भी कांस्य पदक तथा कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में स्वर्ण और रजत पदक जीते थे।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि वह बर्मिंघम विश्व खेलों के लिए चयनित होने वाली भारत की एकमात्र खिलाड़ी थीं। वर्ष 2007 में उन्होंने अपने खेल जीवन की शुरुआत की और 2015 से पेशेवर रूप से जु-जित्सु में भाग लेना शुरू किया। खेल के क्षेत्र में उनका योगदान अमूल्य माना जाता है।
खिलाड़ियों और प्रशंसकों में शोक की लहर-
रोहिणी कलम की आत्महत्या की खबर मिलते ही देवास समेत पूरे मध्यप्रदेश के खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनका अचानक यह कदम सभी के लिए अविश्वसनीय और पीड़ादायक है।
लोगों की जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल है इतनी सफल और प्रेरणादायी खिलाड़ी ने आखिर ऐसा कदम क्यों उठाया?



