शिक्षा

सफाई मित्रों के सम्मान में बिछा रेड कारपेट, इनोवेटिव स्कूल ने किया नमन स्वच्छता के असली नायकों को

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देवास को राष्ट्रपति सम्मान दिलाने वाले सफाई मित्रों का अभिनंदन समारोह छात्रों ने करतल ध्वनि से किया

देवास। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024–25 में राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल कर देशभर में देवास शहर का नाम रोशन करने के पीछे अगर कोई सबसे बड़ा स्तंभ रहा, तो वे हैं हमारे सफाई मित्र, जो हर सुबह हमारी गलियों, सड़कों और मोहल्लों को स्वच्छ रखने के लिए बिना किसी श्रेय की अपेक्षा के काम करते हैं। इन्हीं असली नायकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए इनोवेटिव स्कूल परिवार ने एक भावुक, गरिमामय और प्रेरणास्पद समारोह का आयोजन किया।

Innovative school dewas

वार्ड क्रमांक 7 के सफाई दरोगा सहित 15 सफाईकर्मियों का स्वागत विद्यालय परिसर में रेड कारपेट बिछाकर, फूलों की वर्षा और करतल ध्वनि के साथ किया गया। जब ये सफाई मित्र सम्मान के लिए विद्यालय में पहुंचे, तो उपस्थित विद्यार्थियों ने उनके लिए तालियों की गूंज के साथ न केवल स्वागत किया बल्कि उनके कार्यों को नायकत्व के रूप में स्वीकार किया।

इस अवसर पर विद्यालय के सचिव मिर्जा मुशाहिद बेग एवं वार्ड पार्षद मुस्तफा अहमद हाथीवाले द्वारा सभी सफाई मित्रों को पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। संस्था प्राचार्य सय्यद मकसूद अली ने मिठाई खिलाकर अभिनंदन किया। विद्यालय के सदाकत अली और मुशब्बीर मिर्जा द्वारा सफाई मित्रों को विशेष उपहार भेंट किए गए।

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बच्चों को दी स्वच्छता की सामाजिक शिक्षा-
प्राचार्य सय्यद मकसूद अली ने कहा, कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को यह बताना रहा कि जिन हाथों से समाज की नींव स्वच्छता के रूप में तैयार होती है, वे वास्तव में नमन योग्य हैं। यह आयोजन सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के मन में स्वच्छता कर्मियों के प्रति आदरभाव जगाने का प्रयास था।

इस अवसर पर विद्यालय की उप-प्राचार्य शबीना सैयद, शिक्षकगण संजय देवल, सीमा शर्मा, नाज़िया शेख, एवं स्वच्छता मिशन से जुड़े शाहनवाज़ शेख सहित सैकड़ों विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन निखत शेख ने किया और आभार प्रदर्शन सय्यद सदाकत अली द्वारा किया गया।

इनोवेटिव स्कूल की सराहनीय पहल-
इनोवेटिव स्कूल का यह अभिनव आयोजन केवल सम्मान का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व का एक सशक्त उदाहरण है। इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम से नहीं, बल्कि संवेदनशीलता, समाजसेवा और मूल्यों से भी होती है। इस पहल ने विद्यार्थियों को सिखाया कि असली नायक वे हैं, जो बिना प्रशंसा के, चुपचाप समाज को संवारते हैं।

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