श्रावण के प्रथम सोमवार को भगवान श्री महाकाल मनमहेश स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकले

मुख्यमंत्री की मंशानुरूप 4 जनजातीय समूहों के कलाकारों ने प्रस्तुतियां देकर किया बाबा श्री महाकाल का स्वागत
उज्जैन। उज्जैन। श्रावण माह के प्रथम सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर मनमहेश स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकले। सवारी के निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोड़षोपचार पूजन-अर्चन किया गया। उसके पश्चात आरती संपन्न हुई। पूजन-अर्चन व आरती शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने संपन्न कराई।
आरती उपरांत उज्जैन के प्रभारी मंत्री डॉ. गौतम टेटवाल, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद पटेल, राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती की। इस अवसर पर विधायक सतीश मालवीय, महेश परमार, जीतेंद्र पंड्या, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संभागायुक्त संजय गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों ने सभामंडप में भगवान श्री मनमहेश का पूजन किया।
सभामंडप में पूजन उपरांत अवंतिकानाथ भगवान श्री मनमहेश के स्वरूप में पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों की संख्या में दर्शनार्थियों ने पालकी में विराजित श्री मनमहेश भगवान के भक्तिभाव से दर्शन लाभ लिये।
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। भगवान महाकालेश्वर श्री मनमहेश के स्वरुप में अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए मां क्षिप्रा के तट पर पहुँचे।
रामघाट पर भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन और जलाभिषेक पुजारी आशीष गुरु के द्वारा संपन्न कराया गया। इस दौरान प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, जल मंत्री श्री सिलावट ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती की।
श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण भादो मास की प्रथम सवारी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप वैदिक उदघोष के साथ श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रथम सवारी का स्वागत किया गया।
रामघाट पर भगवान श्री मनमहेश के पूजन उपरांत सवारी रामघाट से पुन: सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस पहुंची।
सवारी के आगे-आगे घुड़सवार, पुलिस बल, विभिन्न भजन मंडलियां, जनजातीय नृत्य दल आदि भगवान भोलेनाथ के गुणगान एवं भजन-कीर्तन करते हुए साथ चल रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव की मंशानुरूप गतवर्षानुसार संस्कृति विभाग भोपाल, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद व त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय कलाकारों के दल ने श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रथम सवारी में सहभागिता की। 4 जनजातीय दलों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति देकर भगवान श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रथम सवारी में पालकी के आगे प्रस्तुति देते हुए सम्मिलित हुए।
सवारी मार्ग पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल पर पुष्पवर्षा कर दर्शन लाभ लिए। सवारी मार्ग पर चहुंओर दर्शन के लिये भारी संख्या में जन-समूह उपस्थित रहा।
भजन मण्डलियों में सैकड़ों महिलाओं ने शिव स्तुतियां की। सवारी में सम्मिलित भजन मंडलियां उत्साहपूर्वक डमरू और मजीरे बजाते हुए सवारी में आगे-आगे चले। विशाल ध्वज के साथ बाबा श्री महाकाल की पालकी निकाली गई।



