– शहर कांग्रेस ने नाराजगी जताते हुए कहा सरकार का नियामक आयोग पर नियंत्रण नहीं
देवास। एक बार फिर बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग के समक्ष विद्युत दरों को बढ़ाने के लिए अपील की है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि इसी वर्ष 5 माह पूर्व बिजली कंपनियों के अनुरोध पर नियामक आयोग ने 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली के दाम बढ़ाए थे। एक वर्ष भी नहीं बीता कि इस बार फिर बिजली कंपनियों ने अपनी कंपनियों को घाटे में बताकर बिजली के दाम बढ़ाने के लिए नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की है। देश का मध्यप्रदेश ही ऐसा राज्य है जहां लगातार बिजली के दाम बढ़ते चले जा रहे हैं। प्रदेश में हर वर्ष बिजली के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले सर्वाधिक महंगी बिजली मध्यप्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को मिल रही है। इस बार बिजली कंपनियों ने आयोग के समक्ष याचिका दायर करते हुए 3.2 प्रतिशत तक बिजली का टैरिफ (दाम) बढ़ाने की मांग की है। हर बार बिजली कंपनियां नियामक आयोग के समक्ष विद्युत दरों को बढ़ाने की याचिका प्रस्तुत करती है और आयोग हर बार बिजली कंपनियों के हक में फैसला देते हुए बिजली के दाम बढ़ा देता है। बढ़ते दामों को लेकर उपभोक्ताओं में पहले ही नाराजगी है, वहीं आम मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के सामने बिजली जलाना मुश्किल होता चला जा रहा है। दूसरी ओर प्रदेश सरकार भी बढ़ती विद्युत दर को लेकर उपभोक्ताओं के हक में कोई फैसला नहीं कर रही है। इस संदर्भ में आज तक आयोग को सरकार द्वारा कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। सरकार का नियामक आयोग से नियंत्रण पूरी तरह से खत्म हो चुका है। इस संदर्भ में शहर कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे विद्युत दर बढ़ाए जाने को लेकर आयोग के समक्ष प्रदेश कांग्रेस की ओर से आपत्ति दर्ज कराएं। शहर कांग्रेस ने कहा है कि अगर इस बार नियामक आयोग ने विद्युत दरों में वृद्धि की तो कांग्रेस द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की रहेगी।
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