• Wed. Jul 9th, 2025

    चमत्कारिक रूप से अमलतास के डॉक्टरों ने सर्जरी कर निकाली साढ़े चार किलो की गठान

    ByNews Desk

    Dec 2, 2022
    Share
    • कई अस्पतालों में बीमारी का उपचार के लिए भटकने के बाद मरीज का अमलतास में हुआ सफल उपचार

    देवास। अमलतास अस्पताल अपने जटिल से जटिल बीमारियों के उपचार के लिए जाना जाता है। यहां कई बार ऐसे मरीज भी आए हैं, जिनकी बीमारी का कारगर उपचार करने के लिए देश के बड़े अस्पतालों ने भी इंकार कर दिया था। अमलतास अस्पताल में अपनी जटिल बीमारी का उपचार करवाकर ये मरीज स्वस्थ्य जीवन जी रहे हैं। हाल ही में यहां एक ऐसे मरीज का ऑपरेशन हुआ, जिसकी गर्दन में तरबूज के आकार की विशाल गठान थी। सफल ऑपरेशन के बाद ये मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है।

    जानकारी के अनुसार 56 वर्षीय मोतीलालजी की गर्दन की हड्डी में विशालकाय गठान थी। इससे वे पिछले 25 सालों से पीड़ित थे। यह गांठ धीरे-धीरे बढ़ती गई और लगभग साढ़े चार किलो की हो गई। गांठ के बढ़ने से उन्हें जान का खतरा भी बना हुआ था। उन्हें गर्दन घुमाकर देखने व दैनिक कार्यों में बहुत कठिनाई होती थी। साथ ही समाज में भी उपेक्षित महसूस करने लगे थे। मोतीलाल इस बीमारी के उपचार के लिए बड़े से बड़े अस्पतालों में गए, लेकिन उन्हें वहां निराशाजनक उत्तर ही मिला। इस दौरान उन्हें किसी ने सलाह दी कि आप एक बार देवास में अमलतास अस्पताल जाकर चिकित्सकों से परामर्श ले लों। यह सलाह मोतीलालजी के जीवन में आशा की नई किरण लेकर आई। वे अपने परिवार के लोगों के साथ अमलतास अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने डॉक्टरों को दिखाया। उनका चार डॉक्टरों ने परीक्षण किया। मुख्य रूप से प्रख्यात प्लास्टिक सर्जन डॉ. सीमा मित्तल ने जरूरी जांच के बाद सर्जरी का फैसला लिया। इसके पश्चात अमलतास अस्पताल में 10 डॉक्टरों की टीम ने 6 घंटे में सफल सर्जरी को पूर्ण किया। सर्जरी करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि यह सर्जरी बहुत चुनौतीपूर्ण एवं किसी चमत्कार से कम नहीं थी, क्योंकि गर्दन शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा होता है और इसमें कई नसें शरीर के सभी अंगों में फैली होती है।

    मोतीलालजी एवं उनके परिजन इसे आश्चर्य एवं चमत्कार मान रहे हैं। अब मोतीलालजी दिनचर्या एवं गतिविधियों के साथ सामान्य जीवन यापन कर रहे हैं।इनका इलाज आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क किया गया। मोतीलालजी एवं उनके परिजन ने डॉक्टर टीम एवं अमलतास स्टाफ का आभार माना।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *