बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा कायराना हरकत करते हुए निहत्थे पर्यटकों पर हमला करते हुए 27 लोगों को मौत की नींद में सुला दिया और 10 से अधिक सैलानियों को गंभीर घायल कर दिया।
पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता के साथ प्रदर्शन हो रहे हैं। सभी ओर से आवाज आई कि आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान पूरी घटना के लिए दोषी है उस पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।
3 वर्ष पूर्व देश सेवा से सेवानिवृत्त होकर आए बेहरी निवासी जय गोस्वामी ने बताया कि शासकीय तौर पर भले ही वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन भारत माता को जब भी सुरक्षा की दृष्टि से उनकी आवश्यकता लगेगी और पुनः कार्यालय से बुलावा आएगा तो वह निस्वार्थ भाव से सीमा रक्षा पर जाने के लिए तत्पर और तैयार है।
जय गोस्वामी के परिजन भी कहते हैं कि भारत माता की सेवा के लिए जय गोस्वामी की जरूरत के साथ-साथ परिवार के अन्य युवा सदस्यों की आवश्यकता रही तो वह तैयार है।
पूर्व सैनिक कुरीसिगंल जोशी ने बताया, कि 1962 में जब भारत का युद्ध चीन से हुआ था तब वह देश की सेवा में नेहरू जी के आह्वान पर 18 वर्ष उम्र में ट्रेनिंग देने पहुंचे। उस वक्त उनकी तनख्वाह मात्र 25 रुपए थी। लेकिन यह बात सही है 1962 में जब देश के प्रधानमंत्री द्वारा देश के लोगों के सामने आह्वान किया गया कि प्रत्येक घर से एक युवा व्यक्ति की आवश्यकता देश की सेवा के लिए लग सकती है, तब कुरीसिंगल मामा परिजनों के कहने पर सेवा में शामिल हुए। आज भी उनके परिवार से 5 से अधिक लोग सेना से सेवानिवृत्त होकर चिकित्सा और अन्य व्यवसाय में लगे हुए हैं। 80 वर्ष की उम्र के बावजूद भी उनका जोश काम नहीं है। वह भी कहते हैं कि यदि भारत माता को उनके अनुभव की आवश्यकता लगी तो वह तैयार है।
बेहरी में ग्रामवासियों द्वारा पाकिस्तान की हरकतों से नाराज होकर आतंकवाद का पुतला दहन किया गया।