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    प्रकृति का साथ देंगे तो प्रकृति खिल उठेगी: सद्गुरु मंगल नाम साहेब

    ByNews Desk

    Apr 18, 2025
    Kabir aashram
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    – नदियों का खनन और पहाड़ों को तोड़ना ले जा रहा विनाश की ओर: हुआ गुरवाणी पाठ व गुरु-शिष्य संवाद

    देवास। सद्गुरु कबीर प्रार्थना स्थली, मंगल मार्ग टेकरी पर आयोजित गुरवाणी पाठ एवं गुरु-शिष्य चर्चा के दौरान सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने प्रकृति, तत्वज्ञान और मानवीय कर्तव्यों को लेकर गहन विचार प्रस्तुत किए।

    उन्होंने कहा, यदि हम प्रकृति का साथ देना शुरू कर दें, तो प्रकृति पुनः खिल उठेगी। हमें फिर से पानी, अन्न व अन्य आवश्यकताएं सहज रूप में प्राप्त होंगी।

    उन्होंने बताया, कि आधुनिकता और विज्ञान की दौड़ में मनुष्य ने प्राकृतिक तत्वों की उपेक्षा कर दी है। आज हम पहाड़ों को तोड़ रहे हैं, नदियों का अंधाधुंध खनन कर रहे हैं और उनके बहाव को मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि अत्यंत विनाशकारी है।

    सद्गुरु ने कहा, कि हमारी चालाकियां और दिखावटी शिक्षा-दीक्षा हमें परम तत्व से दूर ले जा रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप हमें अभाव और दिशाहीनता का सामना करना पड़ता है।

    उन्होंने कहा कि परम तत्व सहज में उपलब्ध है, लेकिन हम उसे जटिलता और प्रपंचों के जाल में खोज रहे हैं। यदि हम सत्य, सहजता और वैराग्य को अपनाएं तो विज्ञान भी हमें सृजन की दिशा में ले जा सकता है न कि विनाश की ओर।

    सद्गुरु के मुख्य विचार:

    – प्रकृति को छेड़ना विनाश को आमंत्रण देना है।

    – विज्ञान को सृजन की दिशा में मोड़ना होगा।

    – सहज जीवनशैली अपनाकर ही परम तत्व की प्राप्ति संभव है।

    – वैराग्य, त्याग और विज्ञान – ये संसार से मुक्ति के मार्ग हैं।

    – जब सब एक होंगे, तभी दया का अंकुरण होगा और विश्वास कायम होगा।

    कार्यक्रम के अंत में साध संगत द्वारा सद्गुरु मंगल नाम साहेब का शाल, श्रीफल एवं पुष्पमाला से स्वागत किया गया और आशीर्वचन प्राप्त किए गए। कार्यक्रम की जानकारी सेवक वीरेंद्र चौहान ने दी।