डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत भी थे- रमेश मालवीय

– कृषि उपज मंडी में मनाई बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती
देवास। कृषि उपज मंडी के सभागृह में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। मंडी सचिव के निर्देशन में आयोजित इस गरिमामयी कार्यक्रम में समस्त अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।
इस अवसर पर वक्ताओं ने बाबा साहेब के संघर्षमय जीवन, उनके विचारों और सामाजिक समरसता के प्रति उनके योगदान पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रमेश मालवीय ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा, कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। उन्होंने समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों को हमारे समाज में स्थायित्व देने का कार्य किया। बाबा साहब का जीवन हमें यह सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा और आत्मबल से सफलता प्राप्त की जा सकती है। आज हमें उनके विचारों को अपनाने और उन्हें व्यवहार में लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा, कि बाबा साहब का सपना था कि भारत एक ऐसा राष्ट्र बने जहां हर व्यक्ति को समान अवसर मिले, और किसी के साथ भेदभाव न हो। ऐसे विचारों को आत्मसात कर ही हम एक समरस समाज का निर्माण कर सकते हैं।

कार्यक्रम में समंदरसिंह गौड़, सोमा इंगले, हरिप्रसाद मीणा, अरुण यादव, निशांत व्यास, महेंद्र सोलंकी, पंकज शर्मा, कैलाश मालवीय, राजेश डोरिया सहित समस्त अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने बाबा साहब की जीवनी से प्रेरणा लेने और उनके सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया।



