देवास। जब ईश्वर की कृपा होती है तब संत दर्शन का लाभ मिलता है। यह विचार अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय शाहपुरा पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी रामदयाल जी महाराज ने रामद्वारा में प्रकट किए।
महेश सोनी ने बताया कि जगद्गुरु शाहपुरा से एक दिन के लिए रामद्वारा सत्संग के लिए आए। जगद्गुरु ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्तव्य के निर्माण के साथ-साथ धर्म और संस्कृति के लिए भी तन मन धन से प्रयत्न करना चाहिए। हम जिस देश में रहते हैं, उस देश के प्रति सर्वस्व न्यौछावर की भावना होना चाहिए। ईश्वर की कृपा के कारण ही हमारा जन्म भारत जैसे महान देश में हुआ है। जब बसंत का महीना आता है तो प्रकृति का रंग बिखर जाता है और जब संत आते हैं तो संपूर्ण मानव जगत धन्य हो जाता है।
रामद्वारा के महंत स्वामी रामनारायण जी, संत राम सुमिरन जी, बाल संत पुनीत राम जी, डॉ. सीमा सोनी, कांतिलाल पोरवाल एवं रामसनेही सत्संग मंडल के सभी सदस्यों ने जगतगुरु के चंदन से चरण धोए एवं आरती उतारकर उनकी अगवानी की। महिला सत्संग मंडल ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर संत समता रामजी, संत अंकुश राम जी का भी चादर ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। जगद्गुरु का इस वर्ष का चातुर्मास चारभुजा नाथ जिला राजसमंद राजस्थान में होगा। जगतगुरु ने सभी राम स्नेही सत्संग प्रेमियों से चातुर्मास में सम्मिलित होने का आग्रह किया।