धर्म-अध्यात्म

चैत्र सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या: नर्मदा तट पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

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– जल तर्पण कर की पितरों के मोक्ष की कामना
– नर्मदा तट पर दो दिवसीय आध्यात्मिक मेला संपन्न

नेमावर (संतोष शर्मा)। (Chaitra Amavasya 2025) चैत्र माह की शनिश्चरी सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों भक्तों ने मोक्षदायिनी मां नर्मदा के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपने पितरों को जल तर्पण किया और मोक्ष की कामना की।

शनिश्चरी अमावस्या का यह विशेष संयोग श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर रहा। नर्मदा तट पर दर्शन, पूजा-अर्चना, तंत्र क्रियाएं, दान-पुण्य और शनि मंदिर में अभिषेक का सिलसिला अनवरत जारी रहा।

दो दिवसीय मेले में भक्तों ने भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति के उपाय किए, शनि शांति के लिए अभिषेक किया और पुण्य लाभ अर्जित किया। तेज धूप के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। नगर परिषद द्वारा जल सेवा और विधायक आशीष शर्मा द्वारा संचालित भंडारे की उत्तम व्यवस्था ने सभी को राहत दी।

अमावस्या पर मोक्षदायिनी मां नर्मदा की पवित्र रेती में हजारों भक्तों ने अपने पूर्वजों को स्मरण करते हुए जल तर्पण किया और मोक्ष की कामना की। चौदस तिथि की अंधेरी रात में कई भक्तों ने देव आत्माओं की शरण लेकर अपने सांसारिक दुखों के समाधान के उपाय पूछे और उन्हें अपनाया।

Narmada river

बाधाओं से मुक्ति के लिए विशेष तंत्र क्रियाएं-
नर्मदा के बहते जल में गौ माता की पूंछ के बालों से बनी विशेष शैली से जल के छींटे देकर तंत्र क्रियाएं कराई गईं। श्रद्धालुओं को उनके पुराने वस्त्र बहती जल धारा में प्रवाहित कराने के साथ-साथ अन्य तांत्रिक उपाय भी कराए गए।

शनि शांति के लिए किया अभिषेक-
नर्मदा के नागर घाट स्थित शनि मंदिर में शनिश्चरी अमावस्या के विशेष अवसर पर दर्शन, अभिषेक एवं शनि शांति के उपाय करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं ने तिल, तेल, काले वस्त्र, छाता, कंबल आदि की भेंट चढ़ाकर शनि शांति के उपाय किए।

मुख्य स्नान सुबह 4 बजे से हुआ प्रारंभ-
शनिवार प्रातः 4 बजे से भक्तों का स्नान आरंभ हुआ, जो देर शाम तक अनवरत जारी रहा। दोपहर तक लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने स्नान कर बाबा सिद्धनाथ, पिंगलेश्वर और ऋण मुक्तेश्वर के दर्शन किए। भक्तों ने मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सुख, समृद्धि और आरोग्य की कामना की। दोपहर बाद 50 हजार से अधिक श्रद्धालु नर्मदा स्नान के लिए पहुंचे। कुल मिलाकर करीब दो लाख भक्तों ने इस पावन अवसर पर मां नर्मदा में स्नान कर मोक्ष लाभ प्राप्त किया।

Narmada river nemavar

प्रशासन की रही चाक-चौबंद व्यवस्था-
इस दो दिवसीय मेले को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। नर्मदा के घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल, एसडीएम, तहसीलदार, स्थानीय नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल, सीएमओ बलिराम मंडलोई, थाना प्रभारी दर्शना मुजाल्दा, राजस्व विभाग सहित सभी प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्था बनाए रखने में सक्रिय रहे।

मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें-
पवित्र स्नान के पश्चात भक्तों ने सिद्धनाथ भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना की। प्रातःकाल भस्म आरती के दर्शन के लिए भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भक्तों ने गर्भगृह में पहुंचकर बाबा सिद्धनाथ का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

☀️ तेज धूप में श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए जल सेवा-
चैत्र माह की तेज धूप के कारण श्रद्धालु परेशान तो रहे, परंतु नगर परिषद द्वारा जगह-जगह शुद्ध पेयजल के टैंकरों की व्यवस्था की गई थी, जिससे उन्हें राहत मिली।

भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रहण की प्रसादी-
क्षेत्रीय विधायक आशीष शर्मा के नेतृत्व में विगत कई वर्षों से मां नर्मदा के नाभि तीर्थ में नागर घाट मार्ग पर भंडारा आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष भी हजारों भक्तों ने भंडारे की प्रसादी ग्रहण की। विशेष बात यह रही कि श्रद्धालुओं ने अन्न का अपमान नहीं किया और झूठी पत्तलें इधर-उधर नहीं फेंकी। सभी ने शारीरिक, मानसिक व आर्थिक सहयोग किया।

नवरात्रि के लिए भक्तों ने नर्मदा जल संग्रह किया-
रविवार से चैत्र नवरात्रि आरंभ होने के कारण श्रद्धालु नर्मदा का पवित्र जल अपने गांव ले गए, जिसे वे नवरात्रि में घट स्थापना के लिए उपयोग करेंगे।

शराबबंदी के बावजूद अव्यवस्था-
नर्मदा क्षेत्र में 5 किमी की परिधि में शराबबंदी लागू होने के बावजूद कुछ असामाजिक तत्व मदमस्त होकर घूमते नजर आए, जिससे आम श्रद्धालुओं को असुविधा हुई। प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

मेले के सफल आयोजन पर अधिकारियों का आभार-
नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल और सीएमओ आनंदीलाल वर्मा ने मेले के सफल आयोजन के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।

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