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कलाव्योम फाउंडेशन की 10 दिवसीय कार्यशाला का समापन

ByNews Desk

Mar 10, 2025
Dewas news
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– नाटक के मंचन से कलाकारों ने दिखाया अभिनय का हुनर

– कलाकार समाज का आईना होते हैं और मंच के माध्यम से समाज के कई पहलुओं को उजागर करते हैं- डॉ. संध्या चौकसे

– कलाकार कठिन परिश्रम करें और अपनी पहचान स्थापित करें- लोकगायक कालूराम बामनिया

देवास। कलाव्योम फाउंडेशन द्वारा आयोजित अभिनय, पटकथा लेखन और फोटोग्राफी पर केंद्रित 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन समारोह सोमवार को उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन प्रतिभा ग्लोबल स्कूल, देवास में दोपहर 3 बजे से आयोजित किया गया, जिसमें कलाकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

कार्यशाला के दौरान अभिनय के विभिन्न आयामों, पटकथा लेखन के रचनात्मक कौशल और फोटोग्राफी के तकनीकी पहलुओं पर विशेषज्ञों द्वारा गहन प्रशिक्षण दिया गया। कलाकारों ने न केवल अपने हुनर को निखारा, बल्कि मंच पर अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। समापन के दिन आयोजित नाट्य मंचन में कलाकारों ने विभिन्न चरित्रों को जीवंत रूप देकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. संध्या चौकसे (चेयरमैन, एलएनसीटी ग्रुप, इंदौर) ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, कलाकार समाज का आईना होते हैं और मंच के माध्यम से समाज के कई पहलुओं को उजागर करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। आप सभी कलाकारों ने इस 10 दिवसीय कार्यशाला में जो कुछ भी सीखा है, उसे अपने जीवन में आत्मसात करें और निरंतर अभ्यास के माध्यम से अपने अभिनय कौशल को निखारते रहें।

उन्होंने नाटक के दौरान कलाकारों द्वारा निभाए गए विभिन्न पात्रों की खुले दिल से प्रशंसा की और कहा कि ऐसे मंच कलाकारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। डॉ. चौकसे ने यह भी आश्वासन दिया कि एलएनसीटी ग्रुप आगे भी इन युवा कलाकारों को मंच और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए हरसंभव सहयोग करेगा।

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समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध लोकगायक कालूराम बामनिया ने अपने उद्बोधन में कहा, कला के बिना जीवन अधूरा है। कलाकार समाज के संवेदनशील विषयों को मंच के माध्यम से जीवंत कर समाज को दिशा प्रदान करते हैं। आप सभी कलाकारों में जो प्रतिभा है, उसे निरंतर अभ्यास और मेहनत से और अधिक निखारने की जरूरत है।

उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं से कहा कि वे कला के क्षेत्र में ऊंचाईयों तक पहुंचने के लिए कठिन परिश्रम करें और अपनी पहचान स्थापित करें।

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कलाव्योम फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक श्रीमाल ने समापन समारोह में सभी उपस्थित कलाकारों, अतिथियों और प्रशिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, हमारा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है कि देवास जैसे छोटे शहरों के कलाकारों को बड़ा मंच और बेहतरीन मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। इस कार्यशाला में हमने देखा कि यहां के कलाकारों में अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, आप सभी ने जिस तरह नाटक के माध्यम से विभिन्न पात्रों को जीवंत किया है, वह दर्शाता है कि आपमें गहरी अभिनय क्षमता है। फाउंडेशन आगे भी ऐसे आयोजनों के माध्यम से कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेगा।

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कार्यशाला के प्रशिक्षक और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली के अनुभवी प्रशिक्षक सुशीलकांत मिश्रा ने भी समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा, अभिनय एक साधना है, जिसे निरंतर अभ्यास और समर्पण के माध्यम से निखारा जा सकता है। इस कार्यशाला के दौरान मैंने देखा, कि देवास के युवाओं में जबरदस्त अभिनय क्षमता है। आप सभी लगातार मेहनत करते रहें और बड़े मंचों तक अपनी पहचान बनाएं।

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उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए लगन, समर्पण और अनुशासन बहुत जरूरी है।

कलाकारों ने नाटक के माध्यम से किया शानदार प्रदर्शन-
समापन समारोह का मुख्य आकर्षण रहा नाट्य मंचन, जिसमें कलाकारों ने विभिन्न पात्रों को जीवंत रूप देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। पूरे नाटक के दौरान जमकर तालियां बजाईं और कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना की।

प्रमाण पत्र वितरण वितरित किए-
कार्यशाला के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इसके अलावा कलाकारों को आगे के थिएटर और फिल्म इंडस्ट्री के अवसरों के बारे में भी जानकारी दी गई। कलाव्योम फाउंडेशन ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे और भी कार्यशालाओं का आयोजन कर कलाकारों को बड़ा मंच और अवसर प्रदान किए जाएंगे।

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कार्यक्रम के अंत में कलाव्योम की सचिव अपर्णा भोसले ने सभी का धन्यवाद देते हुए कहा, हमारा सपना है कि देवास के कलाकारों को राष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया जाए। यह कार्यशाला उसी दिशा में हमारा एक कदम है। हम आगे भी ऐसी गतिविधियों का आयोजन करते रहेंगे। साथ ही कलाव्योम ने एक पहल संस्कार रंग टोली की भी शुरूआत की, जिसका प्रशिक्षण राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (संस्कार रंग टोली, त्रिपुरा) से प्रशिक्षित सावित्री मिश्रा द्वारा दिया गया। हम ये मानते हैं कि रंगमंच की शिक्षा और संस्कारों को बचपन से ही विकसित किया जाए तो भविष्य में उनका समग्र विकास हो सकेगा।

कार्यक्रम में कलाव्योम की कोषाध्यक्ष मेघालय भोसले, कलाव्योम मध्यप्रदेश के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र सिंह, प्रतिभा ग्लोबल स्कूल देवास की प्राचार्य अंबिका त्रिवेदी, राजदीप सिंह, अमित पाले, वरिष्ठ पत्रकार, रूपेश मेहता, सुहास पुंडलिक, स्कूल स्टाफ और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।